जम्मू कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ जवानों के दस्ते पर आत्मघाती हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कूटनीतिक हमले शुरू कर दिए हैं। शुक्रवार सुबह ही भारत सरकार ने पाकिस्तान को दिए जा रहे एक तरफा मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा वापस ले लिया। वहीं भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ राजनयिक कदम उठाने को लेकर चर्चा के लिए पाकिस्तान में अपने उच्चायुक्त अजय बिसरिया को बुलाया है। पाकिस्तान के खिलाफ किस तरह के राजनयिक कदम उठाये जा सकते हैं, इसको लेकर अजय बिसरिया से चर्चा की जाएगी।
घाटी में करीब 220 आतंकी सक्रिय, सुरक्षा बल तीन तरफा ऑपरेशन की तैयारी में
इससे पहले भारत में पाकिस्तान के उच्चायुक्त को भी विदेश मंत्रालय ने तलब किया। पुलवामा में पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन द्वारा हमले में लगभग 40 सीआरपीएफ जवानों की मौत पर भारत ने कड़ा विरोध जताते हुये पाकिस्तान के शीर्ष राजदूत को तलब किया और सख्त आपत्तिपत्र (डिमार्शे) जारी किया। पाकिस्तानी उच्चायुक्त से कहा गया कि पाकिस्तान अपने क्षेत्र में आतंकवादी गतिविधि चलाने वाले संगठनों एवं लोगों को तत्काल रोके । विदेश सचिव ने बृहस्पतिवार को पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय द्वारा दिये गये बयान को खारिज कर दिया।
पाकिस्तान को अलग-थलग करने की तैयारी
अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान को अलग-थलग करने के लिए भारत का विदेश मंत्रालय योजना तैयार कर रहा है और इसके लिए कई देशों के उच्चायोग अधिकारियों को विदेश मंत्रालय ने बैठक में बुलाया था।इस बैठक में करीब 25 देशों के राजनयिको को पुलवामा अटैक पर ब्रीफ किया गया है। गल्फ और इस्लामिक सहयोग संगठन देशों को भी इस मामले में जानकारी दी जाएगी। विदेश सचिव विजय गोखले ने चीन के राजदूत से अगल से बात की। उनको हमले में पाकिस्तान के हाथ होने की बात बताई और UNSC में मसूद अजहर की लिस्टिंग की चीन द्वारा ब्लॉकिंग का मुद्दा भी उठाया। जिन देशों से विदेश सचिव ने बैठक की उसमें अमेरिका, रूस, चीन, फ्रांस, ब्रिटेन, दक्षिण कोरिया जर्मनी, हंगरी, इटली, यूरोपियन यूनियन, कनाडा, ब्रिटेन, इसराइल, ऑस्ट्रेलिया, जापान आदि शामिल है। बातचीत में विदेशी राजदूतों को भारत में आतंकवाद प्रायोजित करने में पाकिस्तानी भूमिका और पिछली घटनाओं के बारे में ब्यौरा दिया गया है।