Friday, November 22, 2024
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कश्मीर में सर्दियों के मौसम में सीआरपीएफ कर्मियों के ठहरने के लिए होगी बेहतर व्यवस्था

अधिकारियों ने कहा कि मौसम की कठिन परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए गृह मंत्रालय ने सीआरपीएफ के जवानों के लिए नारियल के रेशों से बने दो लाख से अधिक गद्दों की खरीद को लेकर बल के अनुरोध को मंजूरी दी है। 

Reported by: Bhasha
Published on: September 22, 2019 17:50 IST
kashmir- India TV Hindi
Image Source : PTI कश्मीर में तैनात सुरक्षाबलों के जवान

श्रीनगर। सर्दियों का मौसम शुरू होने से पहले केंद्र सरकार ने कश्मीर घाटी में अर्द्धसैनिक बलों के लिये 40 से अधिक बने बनाए कमरे स्थापित करने के अलावा पहले से मौजूद निजी आवासों और होटलों में बुनियादी ढांचा में सुधार करने को मंजूरी दी है ताकि सैनिक बर्फबारी के दौरान उनमें आराम से ठहर सकें। सरकार का यह कदम अर्द्धसैनिक बलों को घाटी में लंबी अवधि तक रखने का संकेत देता है।

इस काम को अगले कुछ हफ्तों में अमली जामा पहनाए जाने की संभावना है क्योंकि कश्मीर में अगले महीने के अंत तक सर्दियों का मौसम शुरू हो जाने की उम्मीद है। पहले से बने बनाये कमरों के ढांचों में पोली यूरीथेन फोम (पीयूएफ) लगाया जाएगा और इनमें ठहराने के लिए वैसे इलाकों में तैनात सैनिकों को प्राथमिकता दी जाएगी, जहां अधिक बर्फबारी होती है। जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त करने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों--जम्मू कश्मीर और लद्दाख में विभाजित करने के केंद्र के पांच अगस्त के फैसले से पहले सीआरपीएफ की कई कंपनियों को यहां लाया गया था। दोनों केंद्र शासित प्रदेश 31 अक्टूबर से अस्तित्व में आएंगे।

केंद्र सरकार ने राज्य का विशेष दर्जा हटाने से जुड़े अपने कदम के बाद अन्य क्षेत्रों से अर्द्धसैनिक बलों, खासतौर पर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) को हटा लिया और उन्हें कश्मीर घाटी में ले आया गया। हालांकि, केंद्र के पांच अगस्त के फैसले के बाद से मामूली झड़पें हुई हैं।

अधिकारियों के मुताबिक इन बने बनाये कमरों के ढांचों पर एक विशेष फोम की परत होगी जो ठंड के असर से कमरे के अंदरूनी हिस्से को बचाएगी। इसके अलावा पहली बार सीआरपीएफ ने नारियल के रेशे के बने दो लाख से अधिक गद्दों की खरीद के लिए भी मंजूरी प्राप्त की है, जिनका इस्तेमाल घाटी में तैनात अर्द्धसैनिक बलों के जवान करेंगे। इससे पहले कर्मियों को तैनाती के दौरान दरी दी जाती थी।

अधिकारियों ने कहा कि मौसम की कठिन परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए गृह मंत्रालय ने सीआरपीएफ के जवानों के लिए नारियल के रेशों से बने दो लाख से अधिक गद्दों की खरीद को लेकर बल के अनुरोध को मंजूरी दी है। केंद्र ने निजी आवासों और होटलों को गर्म रखने की व्यवस्था करने को भी मंजूरी प्रदान की है, जहां जवानों को कानून व्यवस्था ड्यूटी के लिए रखा जाता है।

घाटी में 2003 में अपनी तैनाती के बाद से सीआरपीएफ ने कश्मीरी पंडितों द्वारा छोड़े गये 100 से कुछ अधिक छोटे होटलों और आवासों को अपने हाथों में लिया है। इन बरसों में इन परिसरों में बुनियादी ढांचों को बेहतर नहीं किया जा सका क्योंकि ये सरकारी संपत्ति नहीं हैं। हालांकि, अधिकारियों ने बताया कि इस बार सीआरपीएफ को इन निजी संपत्तियों में बुनियादी ढांचा बेहतर करने की मंजूरी मिली है ताकि वहां ठहरने वाले जवानों के लिए इन्हें आरामदेह बनाया जा सके।

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