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'देश में Covid-19 की तीसरी लहर आई तो इसके लिए जनता होगी जिम्मेदार'

आईएएनएस सी वोटर ट्रैकर के अनुसार, अगर देश में कोविड-19 की तीसरी लहर आती है, तो इसके लिए आम जनता को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है।

Reported by: IANS
Published on: July 10, 2021 10:08 IST
'देश में Covid-19 की तीसरी...- India TV Hindi
Image Source : PTI 'देश में Covid-19 की तीसरी लहर आई तो इसके लिए जनता होगी जिम्मेदार'

नई दिल्ली: आईएएनएस सी वोटर ट्रैकर के अनुसार, अगर देश में कोविड-19 की तीसरी लहर आती है, तो इसके लिए आम जनता को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है। ट्रैकर के मुताबिक 57 फीसदी लोग तो यही मानते हैं। इनका मत है कि जनता द्वारा कोरोना नियमों के उल्लंघन किया जा रहा है और इससे तीसरी लहर का खतरा है। ट्रैकर के मुताबिक सिर्फ 34 फीसदी ही तीसरी लहर के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराएंगे। ट्रैकर का नमूना आकार 1815 है।

हालांकि, टीकाकरण की उपलब्धता को लेकर चिंता है क्योंकि 47 प्रतिशत ने कहा कि टीके की खुराक अभी तक आसानी से उपलब्ध नहीं है और इसे लेकर लम्बा वेटिंग टाइम है। 42 प्रतिशत से कम ने हालांकि कहा कि टीके की खुराक अब आसानी से उपलब्ध है। लोगों ने यह भी महसूस किया कि सरकार ने ऑक्सीजन संकट पर देर से प्रतिक्रिया दी। 51 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि हर जिले में चिकित्सा ऑक्सीजन सुविधाएं स्थापित करने संबंधी फैसला लेने में सरकार ने देरी की, जबकि 38 प्रतिशत ने कहा कि निर्णय सही समय पर लिया गया।

हिल स्टेशनों पर भारी भीड़ जुटने की सूचना मिलने के बाद कोरोना को लेकर फिर से चिंता बढ़ गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने चेतावनी दी है कि देश के विभिन्न हिस्सों में लॉकडाउन प्रतिबंध हटाने के बाद कोविड -19 को लेकर उचित व्यवहार और कोरोना प्रोटोकाल का घोर उल्लंघन अब तक की मेहनत पर पानी फेर सकता है। कोविड -9 महामारी की दूसरी लहर की स्थिति पर एक ब्रीफिंग के दौरान, जो इस समय देश में अवसान की ओर है, मंत्रालय ने कोविड सुरक्षा नियमों का घोर उल्लंघन दिखाते हुए विभिन्न स्थानों से जुड़े विभिन्न चित्रों पर प्रकाश डाला।

स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने हिल स्टेशनों पर भारी संख्या में लोगों की भीड़ का जिक्र करते हुए कहा कि हिल स्टेशनों की यात्रा करने वाले लोग कोविड संबंधी प्रोटोकाल का पालन नहीं कर रहे हैं। यदि प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया जाता है तो हम प्रतिबंधों में आसानी को फिर से रद्द कर सकते हैं। अग्रवाल ने आगे कहा कि लॉकडाउन प्रतिबंध हटने के बाद लोगों को लगता है कि कोविड महामारी खत्म हो गई है, लेकिन उन्हें इस तथ्य को समझना चाहिए कि कुछ क्षेत्रों में दूसरी लहर अभी भी सीमित रूप में मौजूद है। मंत्रालय ने मनाली, शिमला, मसूरी और दिल्ली, मुंबई के बाजारों में हाल ही में भीड़भाड़ की घटनाओं का हवाला देते हुए साफ किया कि प्रोटोकॉल का पालन नहीं करने पर प्रतिबंधों को फिर से लागेू किया जा सकता है।

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के महानिदेशक डॉक्टर बलराम भार्गव ने हिल स्टेशनों पर पर्यटकों की भीड़ की तस्वीरें साझा करते हुए अपनी चिंता व्यक्त करते हुए कहा, "हिल स्टेशनों की तस्वीरें भयावह हैं। लोगों को कोविड संबंधी प्रोटोकाल का पालन करना चाहिए, नहीं तो अब तक हमें जो कुछ भी हासिल हुआ है वह बर्बाद हो जाएगा।" भार्गव ने कहा कि लोगों और स्थानीय अधिकारियों को यह समझना चाहिए कि देश में अभी भी कोविड महामारी मौजूद है। उन्होंने कहा, "लहर संबंधी पहलू को उजागर करने के बजाय, हमें इस महामारी को बढ़ने से रोकने के लिए प्रोटोकाल के पालन पर ध्यान देना चाहिए।"

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