श्रीहरिकोटा: रविवार को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र (ISRO) की कामयाबी की कहानियों में एक और कहानी जुड़ गई। भारत के 'ध्रुवीय उपग्रह प्रमोचन वाहन' (PSLV) ने रविवार रात इंग्लैंड के 889 किलो वजनी दो विदेशी उपग्रहों- 'NovaSAR' और 'S1-4' को पृथ्वी की कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित कर दिया। 44.4 मीटर ऊंचा और 230.4 टन वजनी 'PSLV-CA' (कोर अलोन) संस्करण वाला रॉकेट पहले ल़ांच पैड से रविवार रात 10.08 बजे प्रक्षेपित किया गया। प्रक्षेपण केंद्र पर दो लॉन्च पैड हैं। यह PSLV की 44वीं उड़ान थी। इसरो की इस कामयाबी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ट्वीट के जरिए बधाई दी।
17 मिनट 44 सेकंड बाद कक्षा में स्थापित हुए उपग्रह
ISRO के अनुसार, प्रक्षेपण के 17 मिनट और 44 सेकेंड बाद पृथ्वी पर नजर रखने वाले दो उपग्रह 583 किलोमीटर की परिधि में स्थापित हो गए। इसरो के अनुसार, 2 पृथ्वी अवलोकन उपग्रह सूर्य के 583 किलोमीटर बड़े समकालिक कक्ष में लॉन्च किए गए। 445 किलोग्राम वजनी 'नोवाएसएआर' एक एस-बैंड सिंथेटिक एपर्चर रडार उपग्रह है जो वन मानचित्रण, भूमि उपयोग, बर्फ, बाढ़ और आपदा की निगरानी करेगा। 'एस1-4' एक क्षई रेजेलूशन ऑप्टिकल अर्थ ऑब्जर्वेशन उपग्रह है, जो संसाधनों, पर्यावरण निगरानी, शहरी प्रबंधन और आपदा निगरानी के लिए उपयोग किया जाता है।
5,600 करोड़ रुपये की कमाई कर चुका है इसरो
यह दो उपग्रह इसरो की वाणिज्यिक शाखा-एंट्रिक्स कॉर्प लिमिटेड के साथ वाणिज्यिक व्यवस्था के तहत ब्रिटेन के 'सरे सैटेलाइट टेक्नोलॉजीज लिमिटेड' (एसएसटीएल) के हैं। करीब छह महीने पहले ही इसरो ने INRSS-1I नौवहन उपग्रह को सफलतापूर्वक कक्षा में स्थापित किया था। आपको बता दें कि विदेशी उपग्रहों को अंतरिक्ष में भेजकर इसरो ने पिछले तीन सालों में कुल 5600 करोड़ रुपये की कमाई की है। पिछले कुछ समय से इसरो विश्व में सबसे कम खर्च में सैटलाइट भेजने का काम कर रहा है।
PM ने भी दी बधाई
इसरो की इस शानदार कामयाबी के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी बधाई दी। मोदी ने इसरो की टीम को बधाई देते हुए ट्वीट किया, 'हमारे अंतरिक्ष वैज्ञानिकों को बधाई! इसरो ने सफलतापूर्वक PSLV C42 को यूके के दो उपग्रहों के साथ लॉन्च करते प्रतियोगी स्पेस बिजनस में भारत के कौशल का प्रदर्शन किया है।'