नयी दिल्ली: गृह मंत्रालय ने राज्यों और केन्द्र शासित क्षेत्रों से कोविड-19 महामारी के वक्त अस्पतालों तथा पृथक केन्द्रों में काम कर रहे चिकित्सकों और चिकित्साकर्मियों को पुलिस सुरक्षा मुहैया कराने के निर्देश दिए हैं। गृह मंत्रालय की संयुक्त सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने कहा कि राज्यों और केन्द्र शासित क्षेत्रों में बंद के दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन हो रहा है। उन्होंने कहा कि मंत्रालय ने आपदा प्रबंधन कानून के तहत दी गई छूटों के संबंध में शुक्रवार को एक परिशिष्ट जारी किया है जिसके माध्यम से बंद के दौरान मत्स्य और जलीय कृषि गतिविधियों को मंजूरी दी गई है।
उन्होंने कहा, ‘‘अब उद्योग से जुड़े कार्यों और प्रकियाओं जैसे भरण, रख रखाव, कटाई, प्रसंस्करण, पैकेजिंग, कोल्ड चेन, बिक्री, विपणन जैसी प्रक्रियाओं की अनुमति दी गई है, लेकिन यह संगठनों के प्रमुखों की जिम्मेदारी होगी कि सामाजिक दूरी और उचित स्वच्छता प्रक्रियाओं का पूरी तरह से पालन हो।’’ उन्होंने कहा, ‘‘गृह मंत्रालय ने राज्यों और केन्द्र शासित क्षेत्रों को फिर से पत्र लिख कर कहा है कि कोविड-19 के मरीजों की जांच के लिए अस्पताल अथवा पृथक केन्द्रों में जा रहे चिकित्सकों तथा चिकित्साकर्मियों को पर्याप्त पुलिस सुरक्षा मुहैया कराई जाए। ’’ ऐसे अनेक मामले सामने आए हैं जहां अग्रिम चिकित्सा मोर्चे पर कार्य कर रहे चिकित्सकों और चिकित्साकर्मियों के साथ लोगों ने दुर्व्यवहार किया है।
संयुक्त सचिव ने बताया कि नेशनल कैडेट कोर (एनसीसी) और नेशनल सर्विस स्कीम (एनएसएस)के कैडेट तथा नागरिक रक्षा के स्वयंसेवी कोविड-19 को फैलने से रोकने में मदद के लिए आगे आए हैं। उन्होंने बताया कि केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बल ने भी लोगों के बीच जागरुकता फैलाने सहित कई कदम उठाए हैं। उन्होंने बताया,‘‘उनकी मेडिकल टीम ग्रामीण इलाकों में लोगों को संक्रमण के बारे में जानकारी दे रही है। वे अनेक इलाकों में फंसे लोगों को राशन और खाने के पैकेट भी मुहैया करा रहे हैं साथ ही आम लोगों को अपने अस्पतालों में भी भर्ती कर रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि देश में शनिवार को संक्रमण के मामले बढ़ कर 7,447 हो गए हैं और अब तक संक्रमण से कुल 239 लोगों की मौत हो चुकी है।