Monday, December 23, 2024
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नागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ पूर्वोत्तर में विरोध प्रदर्शन, जनजीवन प्रभावित

नागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ और छह समुदायों को अनुसूचित जनजाति का दर्जा प्रदान किए जाने की मांग पर दबाव बनाने के लिए ऑल मोरान स्टूडेंट्स यूनियन (एएमएसयू) द्वारा 48 घंटे के असम बंद के पहले दिन कई जिलों में आम जनजीवन प्रभावित हुआ ।

Reported by: Bhasha
Published : December 09, 2019 22:30 IST
Northeast Protest on CAB
Image Source : PTI Northeast Protest on CAB

गुवाहाटी/कोलकाता: नागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ और छह समुदायों को अनुसूचित जनजाति का दर्जा प्रदान किए जाने की मांग पर दबाव बनाने के लिए ऑल मोरान स्टूडेंट्स यूनियन (एएमएसयू) द्वारा 48 घंटे के असम बंद के पहले दिन कई जिलों में आम जनजीवन प्रभावित हुआ । क्षेत्र में सभी छात्र संगठनों के शीर्ष संगठन नार्थ ईस्ट स्टूडेंट्स आर्गेनाइजेशन के प्रदर्शन के एक दिन पहले विधेयक पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा आशंकाओं को दूर किए जाने के बावजूद असम और त्रिपुरा में विरोध प्रदर्शन हुए। 

सुबह पांच बजे बंद की शुरूआत के बाद लखीमपुर, धेमाजी, तिनसुकिया, डिब्रूगढ़, शिवसागर, जोरहाट, माजुली, मोरिगांव, बोंगाइगांव, उदलगुड़ी, कोकराझार और बक्सा जिले में सैकड़ों लोग सड़क पर उतरे। कई जगहों पर प्रदर्शनकारियों ने टायर जलाए और राष्ट्रीय राजमार्ग को बाधित किया। प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए डिब्रूगढ़ और गुवाहाटी में पुलिस ने लाठियां चलायी। लंबी दूरी की कुछ बसें पुलिस पहरे में चलीं। बंद के कारण काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में कई पर्यटक फंस गए। उन्हें गुवाहाटी ले जाने के लिए कोई सार्वजनिक परिवहन नहीं था। इन जगहों पर दुकानें, बाजार और वित्तीय संस्थान बंद रहे। स्कूल और कॉलेज भी नहीं खुले। बराक घाटी के बंगाली समुदाय बहुल कछार, करीमगंज और हैलाकांडी जिले में और पहाड़ी जिले कार्बी आंगलोंग और दीमा हसाओ में बंद का असर नहीं पड़ा। बंद प्रभावित क्षेत्रों में निजी कार्यालय बंद रहे और सरकारी कार्यालयों में भी उपस्थिति बहुत कम रही। डिब्रूगढ और गुवाहाटी में पुलिसकर्मियों से भिड़ने वाले प्रदर्शनकारियों के समूह को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने लाठी चार्ज किया । 

नागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ बंद के अलावा एएमएसयू ने मोरान और पांच अन्य समुदायों- ताई अहोम, कूच राजबोंगशी, चूटिया, चाय बागान समुदाय और मटाक को अनुसूचित जनजाति का दर्जा प्रदान किए जाने की मांग पर जोर देने के लिए प्रदर्शन का आयोजन किया । प्रदर्शनकारियों ने कई जगहों पर मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल के खिलाफ भी विरोध प्रदर्शन किया । क्षेत्र में सभी छात्र संगठनों के शीर्ष संगठन नार्थ ईस्ट स्टूडेंट्स आर्गेनाइजेशन (एनईएसओ) ने मंगलवार को 11 घंटे के पूर्वोत्तर बंद का आह्वान किया है। हॉर्नबिल उत्सव के कारण नगालैंड को बंद से छूट दी गयी है। एनईएसओ के बंद को विपक्षी कांग्रेस, वाम और एआईडीयूएफ से भी समर्थन मिला है। कई वाम लोकतांत्रिक संगठनों ने भी मंगलवार को 12 घंटे के बंद का आह्वान किया है । 

पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि वह किसी भी कीमत पर विभाजनकारी विधेयक का विरोध करेंगी और देश के किसी भी नागरिक का दर्जा घटाकर शरणार्थी का करने नहीं दिया जाएगा। तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ने खड़गपुर में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि एनआरसी और नागरिकता विधेयक को लेकर घबराने की जरूरत नहीं है। हम इसे बंगाल में नहीं होने देंगे। उन्होंने कहा कि इस देश का एक भी नागरिक, शरणार्थी नहीं बनेगा। कुछ लोग राजनीतिक बयानबाजी से दहशत पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन एक चीज साफ कर दूं कि यहां एनआरसी और नागरिकता संशोधन विधेयक नहीं चलेगा। जाति और धर्म के आधार पर एनआरसी या सीएबी लागू नहीं कर सकते। 

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