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Farmers Protest: प्रदर्शनकारी किसानों ने सरकार पर जासूसी कराने का अंदेशा जताया

केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे किसान नेताओं ने गुरुवार को कहा कि उन्हें आशंका है कि सरकार इजराइली सॉफ्टवेयर पेगासस के जरिए उनकी जासूसी करवा रही है।

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated : July 22, 2021 16:33 IST
Farmers during their Kisan Sansad at Jantar Mantar, in New Delhi on Thursday.
Image Source : PTI Farmers during their Kisan Sansad at Jantar Mantar, in New Delhi on Thursday. 

नयी दिल्ली। केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे किसान नेताओं ने गुरुवार को कहा कि उन्हें आशंका है कि सरकार इजराइली सॉफ्टवेयर पेगासस के जरिए उनकी जासूसी करवा रही है। किसान नेता शिव कुमार कक्का ने कहा, ‘‘यह एक अनैतिक सरकार है। हमें अंदेशा है कि हमारे नंबर उन लोगों की सूची में शामिल हैं, जिनकी जासूसी करायी जा रही है।’’ उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘जासूसी के पीछे सरकार है। यह स्पष्ट है और यह मुद्दा जोर पकड़ रहा है। हम जानते हैं कि वे हम पर भी नजर रख रहे हैं।’’ 

'प्रतिदिन 200 किसान सिंघु बॉर्डर से आएंगे और किसानों के मुद्दे पर चर्चा होगी'

'किसान संसद' की प्रेस कॉन्फ्रेंस में अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव हन्नान मोल्लाह ने कहा कि किसानों की बात संसद नहीं सुन रही है इसलिए सभी सांसदों को हमने चिट्ठी दिया है कि हमारे वोट से जीते हैं तो ऐसा करें कि हम वोट देते समय याद रखें। ईमानदार हैं तो हमारा सवाल उठाएं। आज हम यहां आए। यह 13 अगस्त तक लगातार चलेगा। प्रतिदिन 200 किसान सिंघु बॉर्डर से आएंगे और किसानों के मुद्दे पर चर्चा होगी। आज 3 कानूनों के पहले कानून APMC पर चर्चा हुई। इसके बाद हम कानून को संसद में खारिज करेंगे और संसद से अपील करेंगे कि 'किसान संसद' की बात मानकर कानून खारिज करे। देश की सरकार किसान विरोधी सरकार है। कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के प्रदर्शन पर हन्नान मोल्लाह ने कहाकि किसानों को प्रदर्शन करते 8 महीने हो गए हैं लेकिन सरकार के पास समय नहीं है। संसद के सदस्यों को हमने कहा कि आप इस मुद्दे पर दबाव डाले ताकि सरकार बात करें।

'प्रदर्शनकारी किसान सरकार को यह दिखाने के लिए जंतर मंतर पर आए हैं कि किसान मूर्ख नहीं हैं'

स्वराज इंडिया के अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने कहा कि किसान नेताओं के फोन नंबर साल 2020-21 के आंकड़ों में मिलेंगे। यादव ने कहा, ‘‘जब यह आंकड़ा सार्वजनिक होगा, निश्चित तौर पर हमारे नंबर भी मिलेंगे।’’ यादव ने कहा कि प्रदर्शनकारी किसान सरकार को यह दिखाने के लिए जंतर मंतर पर आए हैं कि किसान मूर्ख नहीं हैं। ब्रिटेन की संसद में किसानों के मुद्दों पर चर्चा हुई, लेकिन भारत की संसद में नहीं। यादव ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए केंद्रीय कानूनों के विरोध में किसानों द्वारा उठाए गए मुद्दों पर बहस के लिए जोर दिया। 

दिल्ली के जंतर -मंतर पहुंचे किसान 

किसान नेता हन्नान मुल्ला ने कहा कि उन्होंने सभी सांसदों को अपनी मांगें उठाने के लिए पत्र लिखा था, लेकिन आरोप लगाया कि संसद उनके मुद्दों को नहीं उठा रही है। संसद के मॉनसून सत्र के दौरान केंद्र के 3 विवादास्पद नए कृषि कानूनों का विरोध करने के लिए 200 किसानों का एक समूह गुरुवार को मध्य दिल्ली के जंतर-मंतर पर पहुंचा। पुलिस ने मध्य दिल्ली के चारों ओर सुरक्षा का घेरा बनाकर रखा है और वाहनों की आवाजाही की कड़ी निगरानी की जा रही है। दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने नौ अगस्त तक संसद परिसर से कुछ मीटर दूर जंतर-मंतर पर अधिकतम 200 किसानों को प्रदर्शन की विशेष अनुमति दी है। 

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