नई दिल्ली: गाजीपुर बॉर्डर से दिल्ली पुलिस ने बैरिकेड्स हटा लिए हैं, ऐसे में किसानों नेताओं के बीच इस बात की आशंका बनी हुई है कहीं आंदोलन स्थल पर कुछ गड़बड़ी न हो जाये। देर शाम भारतीय किसान यूनियन ने बयान जारी कर किसानों से आंदोलन स्थल पहुंचने की अपील की है। भारतीय किसान यूनियन ने बयान जारी कर कहा कि, बॉर्डर पर यथास्थिति बनी रहेगी, इसको लेकर कोई भ्रम नहीं है। पुलिस द्वारा गाजीपुर बॉर्डर से बैरिकेडिंग हटाये जाने के बाद तमाम अफवाहों का दौर जारी है। इस संबंध में भारतीय किसान यूनियन स्पष्ट करना चाहती है कि मोर्चा यथावत चलता रहेगा। मोर्चे पर कोई बदलाव नही है।
भाकियू किसानों से अपील करती है कि, गाजीपुर बॉर्डर पर पहुंचे और आंदोलन को मजबूत करें। प्रत्येक दिन आंदोलन के खिलाफ साजिश हो रही है, हर साजिश के खिलाफ हमें तैयार रहना है। इस मसले पर बीकेयू मीडिया प्रभारी धर्मेंद्र मलिक ने बताया कि, हमारा आंदोलन जैसा चल रहा है उसी तरह चलता रहेगा। किसानों से हम अपील कर रहे हैं कि, ज्यादा से ज्यादा संख्या में पहुंचे। इसके अलावा टिकरी बॉर्डर पर किसान देर रात को भी आंदोलन स्थल स्थित मंच पर जमे हुए थे।
वहीं, आपको बता दें कि गाजीपुर बॉर्डर पर दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे से दिल्ली पुलिस ने अपना बैरिकेड तो जरूर हटा लिया है लेकिन इससे आम लोगों को कोई राहत नहीं मिल पाई है। आज भी दिल्ली जाने वाले लोगों को उतनी ही परेशानियां उठानी पड़ रही है जितनी पिछले 11 महीने से झेल रहे हैं। दिल्ली पुलिस ने अपना बैरिकेड हटाने के साथ ही कल दिल्ली जाने का रास्ता खोल दिया था लेकिन अभी दिल्ली जाने का रास्ता लोगों के लिए लंबा सफर है क्योंकि किसानों और यूपी पुलिस की तरफ से लगाए गए बैरिकेड्स को अभी तक नहीं हटाया गया है।
इसके साथ ही कल भारतीय किसान यूनियन की तरफ से भी यह साफ किया गया है कि दिल्ली पुलिस के बैरिकेड हटाने की वजह से आंदोलन में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है। आंदोलन यथावत चलता रहेगा यानी कि जो रास्ता बंद था वह अभी बंद रहेगा। दिल्ली पुलिस का बैरिकेड हटाए जाने के बाद काफी संख्या में लोग आज दिल्ली जाने के लिए दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे से सीधा गाज़ीपुर की तरफ पहुंच तो रहे हैं लेकिन उन्हें आगे जाने की अनुमति नहीं है। जहां पर बैरिकेड लगाया गया है वहीं से सभी लोगों को निराश होकर वापस लौटना पड़ रहा है और फिर उसी रास्ते से दिल्ली का सफर तय करना पड़ रहा है जिस रास्ते को पिछले 11 महीने से अपनाए हुए हैं। इस रास्ते से दिल्ली का सफर लंबा होने के साथ-साथ समय भी काफी ज्यादा लगता है जिसकी वजह से लोगों में नाराजगी भी है।