चंडीगढ़। पंजाब में कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों का गुस्सा राज्य में निजी कंपनियों के मोबाइल टावर पर फूटा है। किसान संगठनों के निजी कंपनियों के विरोध के आह्वान के बाद सोमवार को आंदोलनकारी मोबाइल कम्युनिकेशन टावरों के पास पहुंचे, और तोड़फोड़ शुरू कर दी। अभी तक प्राप्त जानकारी के अनुसार राज्य में करीब 1500 टावरों को नुकसान पहुंचा है। कुछ स्थानों पर लोगों ने टावरों के जनरेटर सेट लूट लिए, कुछ स्थानों पर लाइनों को नुकसान पहुंचाया है।
इस बीच पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सोमवार को पुलिस को मोबाइल टावरों को निशाना बनाने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का निर्देश दिया। बताया जा रहा है कि तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों ने पंजाब में 1,500 से अधिक मोबाइल टावर को अपना निशाना बनाया है, जिससे राज्य में दूरसंचार सेवाएं प्रभावित हुई हैं। राज्य में कई शहरों में 4जी सेवाओं और मोबाइल कम्युनिकेशन की सेवाएं प्रभावित होने की खबर आई।
कुल 1561 टावरों को नुकसान
सोमवार को जारी आधिकारिक बयान में कहा गया है कि अब तक 1,561 मोबाइल टावरों को निशाना बनाया गया है। आंदोलन से जो मोबाइल टावर प्रभावित हुए हैं उनमे से 25 टावरों को कथित रूप से किसानों और उनके समर्थकों ने तोड़ दिया है। राज्य के 22 जिलों में कुल 21,306 मोबाइल टावर हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि वह राज्य में किसी भी कीमत पर अराजकता की स्थिति पैदा नहीं होने देंगे और किसी को कानून को अपने हाथ में लेने की इजाजत नहीं दी जाएगी। सिंह ने कहा कि उन्होंने इस बारे में कई बार अपील की, लेकिन इसे नजरअंदाज किया गया। इस वजह से उन्हें अपना रुख सख्त करना पड़ रहा है।
सीएम ने की अपील
मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि मोबाइल सेवाएं प्रभावित होती हैं, तो इससे आम लोग विद्यार्थी, घर से काम कर रहे पेशेवरों के अलावा बैंकिंग सेवाओं पर भी असर पड़ेगा। सिंह ने कहा कि उनकी सरकार ने केंद्र के काले कृषि कानूनों के खिलाफ शांतिपूर्ण प्रदर्शनों को रोका नहीं है। उन्होंने कहा कि संपत्ति को नुकसान और नागरिकों को किसी तरह की असुविधा को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। सिंह ने कहा, ‘‘किसानों का आंदोलन अभी तक सफल रहा है और इसे समाज के सभी वर्गों और देशभर के लोगों का समर्थन मिला है, क्योंकि अभी तक विरोध प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा है।’’