जम्मू: जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले में प्राचीन भार्गशिखा भगवती माता मंदिर में उपद्रवियों द्वारा तोड़फोड़ किए जाने के बाद हिंदुओं के धार्मिक स्थलों की रक्षा करने में कथित रूप से विफल रहने के लिए राज्यपाल प्रशासन के खिलाफ जम्मू में विरोध प्रदर्शन किया गया। सैकड़ों कश्मीरी पंडित प्रवासियों, बजरंग दल, शिवसेना, डोगरा फ्रंट और कई अन्य संगठनों के कार्यकर्ताओं ने शहर के विभिन्न स्थानों पर विरोध प्रदर्शन किया और दोषियों को न्याय के कटघरे में लाने की मांग की।
उन्होंने घाटी में हिंदुओं के धार्मिक स्थलों की सुरक्षा की भी मांग की। जगती शिविर के सोहन लाल ने कहा, ‘‘हम कश्मीर में सभी मंदिरों के आसपास सुरक्षा की मांग करते हैं। अगर हमारे मंदिर सुरक्षित नहीं हैं और घाटी में हमारे लोग सुरक्षित नहीं हैं, तो कश्मीरी पंडित अपने मूल स्थान पर कैसे लौटेंगे? सरकार हमारे मंदिरों की रक्षा करने में विफल रही है।’’ वहीं, अधिकारियों ने बताया कि अनंतनाग जिले में मंदिर में कथित रूप से तोड़फोड़ के बाद पुलिस ने शनिवार को मामला दर्ज किया।
उन्होंने बताया कि पुलिस और नागरिक प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों ने मौके पर जांच के लिए दक्षिण कश्मीर जिले के मट्टन इलाके में भार्गशिखा भगवती माता मंदिर का दौरा किया। अनंतनाग के उपायुक्त पीयूष सिंगला ने कहा कि दोषियों को दंडित किया जाएगा और किसी को भी सामाजिक और सांप्रदायिक सद्भाव को नुकसान पहुंचाने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
बजरंग दल के कार्यकर्ता राकेश कुमार ने कहा, "हम सभी मंदिरों की सुरक्षा चाहते हैं। सरकार घटना को लेकर चिंतित नहीं है।’’ प्रेम नाथ भट्ट मेमोरियल ट्रस्ट (पीएनबीएमटी) ने भी घटना की निंदा की और दोषियों की गिरफ्तारी की मांग की।