जयपुर: जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में बांग्लादेशी लेखिका तस्लीमा नसरीन के भाग लेने पर विवाद हो गया है। मुस्लिम संगठनों ने तस्लीमा के शामिल होने पर विरोध जताया है।आयोजन स्थल डिग्गी पैलेस के बाहर मुसलमान संगठनों ने नारेबाजी की। बढ़ते विरोध के बाद आयोजक संजय रॉय ने आश्वासन दिया कि भविष्य में तस्लीमा और सलमान रुश्दी को नहीं बुलाया जाएगा।
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इससे पहले जेएलएफ के आयोजकों की ओर से जारी स्पीकर्स की लिस्ट और सेशन शेड्यूल में भी इसका जिक्र नहीं था। अपने बातचीत के दौरान तस्लीमा में भारत में भी यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने की मांग की और मुस्लिम महिलाओं को भी समान हक मिलने की वकालत की।
तस्लीमा ने कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं के लिये मॉडर्न कानून नहीं हैं। वो पीड़ित हैं हिंदू महिला को अधिकार नहीं है कि वो अपने पति को तलाक दे सके और उसकी जायदाद पर हक मांग सके।
तस्लीमा ने कहा, 'भारत में आपने उस कानून को बदल दिया। आप ये कानून मुस्लिम महिलाओं के लिेय नहीं चाहते क्या ये लोकतंत्र है तो मुस्लिम महिलाओं के पास वही अधिकार क्यों नहीं होने चाहिए। कुछ लोग नहीं चाहते क्योंकि उनके अपने स्वार्थ हैं। लेकिन भारत के सेकुलर लोग युनिफॉर्म सिविल कोड क्यों नहीं चाहते।'