नई दिल्ली: शाहीन बाग में करीब 50 दिन से चल रहे धरने और जाम को लेकर आज फिर स्थानीय लोग वहां प्रदर्शन पर बैठे लोगों के खिलाफ सड़क पर उतरे हैं। पिछले 50 दिनों से बंद रास्ते को खुलवाने के लिए आज सैकड़ों लोग शाहीन बाग पहुंचे हैं। ये लोग बदरपुर, सरिता विहार और फरीदाबाद के हैं, जो रोज रास्ता बंद होने की वजह से घंटों जाम में फंसने को मजबूर हो रहे हैं। इनका कहना है कि शाहीन बाग के लोगों को प्रदर्शन करना है तो जंतर-मंतर या रामलीला मैदान जाकर धरना दें और रास्ता खाली करें।
पहले भी विरोध में उतरे थे लोग
आपको बता दें कि सीएए के विरोध में धरने पर बैठे लोगों की वजह से कालिंदी कुंज-नोएडा रोड बंद है। जिसकी वजह से स्कूली बच्चों से लेकर नोएडा काम पर जाने वालों को लंबे ट्रैफिक से जूझना पड़ रहा है। ऐसे में इससे पहले 12 जनवरी को भी स्थानीय लोगों ने शाहीन बाग में धरने पर बैठे लोगों के खिलाफ प्रदर्शन कर कालिंदी कुंज-नोएडा रोड खोलने की मांग की थी। तब हजारों प्रदर्शनकारियों ने पदयात्रा की थी।
पुलिस भी कर चुकी है रास्ता खोलने की अपील
वहीं, इससे पहले दिल्ली पुलिस कई बार यहां बैठे प्रदर्शनकारियों से रास्ता खाली करने की अपील कर चुकी है लेकिन हर बार लोगों ने पुलिस की बात मानने से इनकार कर दिया और अपना धरना प्रदर्शन जारी रखा। लेकिन, इसकी वजह से कालिंदी कुंज-नोएडा रोड के जरिए दिल्ली से नोएडा आने-जाने वाले लोगों को बहुत परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसी लोकर लोग आज फिर सड़कों पर उतर गए हैं।
गोली चलाने वाला भी परेशान था!
वहीं, शनिवार को शाहीन बाग में हुए गोलीकांड के आरोपी कपिल गुज्जर के परिवार का कहना है कि वह प्रदर्शन के चलते सड़क बंद रहने को लेकर ज्यादा चलने से परेशान था। कपिल (25) के चाचा फतेह सिंह ने कहा, ‘‘सामान्य दिनों में बदरपुर डेयरी पहुंचने में दो घंटे लगता है। उसे 10 किलोमीटर सफर करना पड़ता था। लेकिन प्रदर्शन के चलते उसे 35 किलोमीटर की यात्रा करनी पड़ती थी और वह एक बजे रात को घर पहुंचता था।’’ उन्होंने कहा, ‘‘वह इससे तंग आ गया था।’’
AAP ने किया था बड़े बवाल का दावा
आम आदमी पार्टी (AAP) ने शुक्रवार को दावा किया था कि भाजपा दो फरवरी को दिल्ली के शाहीन बाग और जामिया मिल्लिया इस्लामिया में एक बड़े बवाल की योजना बना रही है, जहां सीएए विरोधी प्रदर्शन जारी हैं। आप ने साथ ही चुनाव आयोग से जरूरी कदम उठाने के लिए कहा। हालांकि, दिल्ली भाजपा के मीडिया प्रभारी अशोक गोयल ने इस दावे को “बेतुका” बताते हुए खारिज कर दिया था।