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CAA विवाद: राहुल-प्रियंका गांधी ने NHRC में की यूपी पुलिस की शिकायत, प्रदर्शनकारियों के खिलाफ 'बर्बरता' का आरोप

कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा और राहुल गांधी ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) का दरवाजा खटखटाया है। उन्होंने NHRC कार्यालय में नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ प्रदर्शनों के दौरान प्रदर्शनकारियों पर यूपी पुलिस की कार्रवाई के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: January 27, 2020 18:00 IST
Congress leaders Priyanka Gandhi Vadra and Rahul Gandhi arrive at National Human Rights Commission (- India TV Hindi
Image Source : ANI Congress leaders Priyanka Gandhi Vadra and Rahul Gandhi arrive at National Human Rights Commission (NHRC) office.

नई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने उत्तर प्रदेश में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ हुए प्रदर्शनों का दौरान पुलिस द्वारा कथित तौर पर की गई बर्बरता के खिलाफ सोमवार को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का रुख किया और उचित करवाई की मांग की। सूत्रों के मुताबिक राहुल गांधी और प्रियंका ने आयोग के वरिष्ठ पदाधिकारियों से मुलाकात की और उनके समक्ष उत्तर प्रदेश में ''पुलिस बर्बरता'' के बारे में शिकायत की और विस्तृत जांच एवं कार्रवाई की मांग की। 

राहुल और प्रियंका के साथ पार्टी के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी, मोहसिना किदवई, सलमान खुर्शीद, जितिन प्रसाद, राजीव शुक्ला और उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू भी मौजूद थे। कांग्रेस की ओर से प्रियंका गांधी ने एनएचआरसी को 31 पन्नों का प्रतिवेदन दिया, मानवाधिकार उल्लंघन के साक्ष्य भी उपलब्ध कराए। कहा कि गया है कि प्राथमिकी में एक भी पुलिसकर्मी का नाम आरोपी के तौर पर नहीं है जबकि पीड़ित, आरोपी बनाए गए हैं।

NHRC का गठन

राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग का गठन 12 अक्तूबर, 1993 को हुआ था। आयोग का अधिदेश, मानव अधिकार संरक्षण (संशोधन) अधिनियम, 2006 द्वारा यथासंशोधित मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 में निहित है। राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग का गठन पेरिस सिद्धांतों के अनुरूप है, जिन्हें अक्तूबर, 1991 में पेरिस में मानव अधिकार संरक्षण एवं संवर्द्धन के लिए राष्ट्रीय संस्थानों पर आयोजित पहली अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला में अंगीकृत किया गया था तथा 20 दिसम्बर, 1993 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा संकल्प 48/134 के रूप में समर्थित किया गया था।

NHRC का काम और संरचना

यह आयोग, मानव अधिकारों के संरक्षण और संवर्द्धन के प्रति भारत की चिंता का प्रतीक तथा संवाहक है। मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम की धारा 12 (1)(घ) में मानव अधिकारों को संविधान द्वारा गारंटीकृत अथवा अंतरराष्ट्रीय प्रसंविदाओं में समाविष्ट तथा भारत में न्यायालयों द्वारा प्रवर्तनीय व्यक्ति के अधिकारों के रूप में परिभाषित किया गया है। राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग का गठन एक अध्यक्ष, चार पूर्ण कालिक सदस्यों तथा चार मानद सदस्यों से होता है। आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्यों की नियुक्ति के लिए संविधान में उच्च योग्यता निर्धारित की गई है।

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