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लखनऊ के कौल भवन में शिफ्ट हो सकती हैं प्रियंका गांधी, दिल्ली का सरकारी बंगला करना होगा खाली

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा लखनऊ के कौल भवन में शिफ्ट हो सकती हैं। उन्हें एक अगस्त से पहले-पहले दिल्ली का सरकार बंगला खाली करना है।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated : July 02, 2020 12:49 IST
लखनऊ के कौल भवन में शिफ्ट हो सकती हैं प्रियंका गांधी, दिल्ली का सरकार आवास करना पड़ेगा खाली
Image Source : FILE PHOTO लखनऊ के कौल भवन में शिफ्ट हो सकती हैं प्रियंका गांधी, दिल्ली का सरकार आवास करना पड़ेगा खाली

नई दिल्ली/लखनऊ: केंद्र सरकार ने बुधवार को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा से उनका नयी दिल्ली स्थित बंगला एक महीने के भीतर खाली करने के लिए कहा है। इसके पीछे सरकार का तर्क है कि एसपीजी सुरक्षा वापस लिए जाने के बाद वह आवासीय सुविधा पाने की हकदार नहीं हैं। उन्हें एक अगस्त से पहले-पहले बंगला खाली करना है। ऐसे में खबरें हैं कि वह लखनऊ शिफ्ट होंगी। वह यहां कौल भवन में रह सकती हैं।

बता दें कि बुधवार को आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि वह एक अगस्त तक मौजूदा आवास ‘35 लोधी एस्टेट’ खाली कर दें और अगर ऐसा नहीं करती हैं तो उन्हें नियमों के मुताबिक किराये अथवा क्षतिपूर्ति का भुगतान करना होगा। मंत्रालय ने यह भी कहा कि उन्हें यह आवास खाली करने के लिए जो भी समय लगेगा उस अवधि के किराये का भुगतान करना पड़ेगा।

सरकार ने पिछले साल नवंबर में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की एसपीजी सुरक्षा वापस ले ली थी तथा उन्हें जेड-प्लस श्रेणी सुरक्षा दी थी। एक अधिकारी ने बताया कि टाइप 6बी का यह आवास प्रियंका को 21 फरवरी, 1997 को आवंटित किया गया था क्योंकि उस वक्त उन्हें एसपीजी सुरक्षा मिली हुई थी। अधिकारी के मुताबिक जेड-प्लस श्रेणी की सुरक्षा में आवास सुविधा का प्रावधान नहीं होता है।

एक अधिकारी के अनुसार प्रियंका इस बंगले का 37000 रुपये मासिक किराया दे रही थीं। अधिकारी ने कहा, ‘‘जेड-प्लस श्रेणी की सुरक्षा प्राप्त व्यक्ति सरकारी आवास का हकदार नहीं होता है। अगर आवास संबंधी कैबिनेट समिति (सीसीए) गृह मंत्रालय की ओर से किए गए सुरक्षा से जुड़े आकलन के आधार पर कोई सिफारिश करती है तो फिर अपवाद स्वरूप आवास की सुविधा दी जाती है।’’

उन्होंने कहा कि सीसीए ने सात दिसंबर, 2000 को सुरक्षा के आधार पर सरकारी आवासों के आवंटन से जुड़े दिशानिर्देशों की समीक्षा की थी और यह फैसला किया था कि एसपीजी सुरक्षा प्राप्त व्यक्ति के अलावा किसी दूसरे को सुरक्षा के आधार पर आवास की सुविधा नहीं दी जाएगी। 

अधिकारी ने बताया, ‘‘ऐसे आवंटन बाजार दर पर किए जाते थे जो सामान्य किराए से 50 गुना होता था। फिर जुलाई, 2003 में फैसला हुआ कि यह आवास पाए लोगों से सामान्य किराए का 20 गुना लिया जाए।’’

(इनपुट- भाषा)

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