नई दिल्ली: दिसंबर 2019 में हुई जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी की हिंसा के बाद लाइब्रेरी में पुलिस की कथित कार्रवाई का दावा करने वाला एक वीडियो वायरल हो रहा है। यह वीडियो जामिया को-ऑर्डिनेशन कमिटी की ओर से जारी किया गया है। वीडियो के सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर पुलिस के खिलाफ एक्शन की मांग हो रही है। ट्विटर पर लोग #ShameonDelhiPolice के साथ ट्वीट कर रहे हैं। वीडियो के सामने आने के बाद कांग्रेस ने भी कार्रवाई की मांग की और दिल्ली पुलिस पर झूठ बोलने का आरोप लगाया।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी विडियो को ट्वीट किया और लिखा, "देखिए, कैसे दिल्ली पुलिस पढ़ने वाले छात्रों को अंधाधुंध पीट रही है। एक लड़का किताब दिखा रहा है लेकिन पुलिस वाला लाठियां चलाए जा रहा है। गृह मंत्री और दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने झूठ बोला कि उन्होंने लाइब्रेरी में घुस कर किसी को नहीं पीटा।" एक अन्य ट्वीट में प्रियंका गांधी ने लिखा, "इस वीडियो को देखने के बाद जामिया में हुई हिंसा को लेकर अगर किसी पर एक्शन नहीं लिया जाता तो सरकर की नीयत पूरी तरह से देश के सामने आ जाएगी।"
वीडियो को लेकर दिल्ली पुसिल ने भी संज्ञान लिया है। दिल्ली पुलिस के क्राइम ब्रांच ने जारी किए गए विडियो का संज्ञान लेने की बात कही है। क्राइम ब्रांच ने कहा कि विडियो का संज्ञान ले लिया गया है। मीडिया के सवालों पर क्राइम ब्रांच के स्पेशल कमिश्नर प्रवीर रंजन ने कहा कि 'हमने जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के ताजा विडियो को संज्ञान में लिया है। हम इसकी जांच करेंगे।'
बता दें कि 15 दिसंबर, 2019 को नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ जामिया के छात्रों ने प्रदर्शन में हिंसा भड़की थी। जिसके बाद मामले में दिल्ली पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाए गए थे। छात्रों ने तब आरोप लगाया था कि पुलिस ने लाइब्रेरी में घुसकर वहां पढ़ाई करने वाले छात्र-छात्राओं की पिटाई की। हालांकि, दिल्ली पुलिस ने इस आरोप को खारिज कर दिया था।