नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को इंडिया गेट के पास राष्ट्रीय युद्ध स्मारक का उद्घाटन किया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री के अलावा रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण, तीनों सेनाओं के प्रमुखों सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे। आपको बता दें कि यह स्मारक आजादी के बाद से देश के लिए अपने प्राण न्यौछावर करने वाले सैनिकों के सम्मान में बनाया गया है। यह स्मारक 176 करोड़ रुपये की लागत से बनकर तैयार हुआ है।
आजादी के बाद हुई लड़ाइयों और स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान ऑपरेशंस में जान देने वाले 26,000 सैनिकों के सम्मान में इंडिया गेट के ठीक सामने इस स्मारक को बनाया गया है। 1947-48, 1961 में गोवा मुक्ति आंदोलन, 1962 में चीन से युद्ध, 1965 में पाकिस्तान से युद्ध, 1971 में बांग्लादेश निर्माण, 1987 में सियाचिन, 1987-88 में श्रीलंका और 1999 में कारगिल युद्ध में शहीद होने वाले सैनिकों के सम्मान में इसका निर्माण किया गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण की मुख्य बातें
- इंडिया फर्स्ट और फैमिली फर्स्ट का जो अंतर है, वही इसका जवाब है। स्कूल से लेकर अस्पताल तक, हाईवे से लेकर एयरपोर्ट तक, स्टेडियम से लेकर अवॉर्ड तक–हर जगह एक ही परिवार का नाम जुड़ा रहता था: पीएम मोदी
- आज देश को राष्ट्रीय समर स्मारक मिलने जा रहा है लेकिन राष्ट्रीय पुलिस मेमोरियल की भी तो यही कहानी थी। इस मेमोरियल को बनाने और राष्ट्र को समर्पित करने का सौभाग्य भी हमारी ही सरकार को मिला: पीएम मोदी
- करीब ढाई दशक पहले इस स्मारक की फाइल चली थी, बीच में अटल जी की सरकार के समय बात आगे बढ़ी लेकिन उनकी सरकार के जाने के बाद स्थिति फिर जस की तस हो गई: पीएम मोदी
- आज देश का हर फौजी, हर नागरिक ये सवाल पूछ रहा है कि आखिर शहीदों के साथ ये बर्ताव क्यों किया गया?देश के लिए खुद को समर्पित करने वाले महानायकों के साथ इस तरह का अन्याय क्यों किया गया? वो कौन सी वजहें थीं, जिसकी वजह से किसी का ध्यान शहीदों के लिए स्मारक पर नहीं गया? पीएम मोदी
- सेना के लिए अत्याधुनिक राइफलों को खरीदने और भारत में बनाने का काम भी हमारी सरकार ने ही शुरु किया है। हाल ही में सरकार ने 72 हजार आधुनिक राइफल की खरीद का ऑर्डर दिया है। साथ ही हमारी सरकार ने 25 हजार करोड़ रुपए का एम्यूनीशन यानि गोला-बारूद और गोलियां मिशन मोड में खरीदी है: पीएम मोदी
- बोफोर्स से लेकर हेलीकॉप्टर तक, सारी जांच का एक ही परिवार तक पहुंचना, बहुत कुछ कह जाता है। अब यही लोग पूरी ताकत लगा रहे हैं कि भारत में राफेल विमान न आ पाए। अगले कुछ महीनों में जब देश का पहला राफेल, भारत के आसमान में उड़ान भरेगा, तो खुद ही इनकी सारी साजिशों को ध्वस्त कर देगा: पीएम मोदी
- सेना और देश की सुरक्षा को उन लोगों ने अपनी कमाई का साधन बना लिया था। शायद शहीदों को याद करके उन्हें कुछ मिल नहीं सकता था, इसलिए उन्हें भुलाना ही उन्हें आसान लगा: पीएम मोदी
- साल 2009 में सेना ने 1 लाख 86 हजार बुलेट प्रूफ जैकेट की मांग की थी। 2009 से लेकर 2014 तक पाँच साल बीत गए, लेकिन सेना के लिए बुलेटप्रूफ जैकेट नहीं खरीदी गई। ये हमारी ही सरकार है जिसने बीते साढ़े चार वर्षों में 2 लाख 30 हजार से ज्यादा बुलेट प्रूफ जैकेट खरीदी है: पीएम मोदी
- हमारे प्रयासों में दुनिया के बड़े-बड़े देश हमारे साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलना चाहते हैं। यही कारण है कि 2016 में हमारे International Fleet Review में 50 देशों की नौसेनाओं ने हिस्सा लिया था। यही कारण है कि एक के बाद एक देश हमारे साथ रक्षा सहयोग के समझौते करना चाहते हैं: पीएम मोदी
- देश की सेना को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में हम लगातार काम कर रहे हैं।जिन फैसलों को नामुमकिन समझा जाता था, उन्हें मुमकिन बना रहे हैं। हमने रक्षा उत्पादन के पूरे ecosystem में बदलाव की शुरुआत की है। Licensing से Export प्रक्रिया तक, हम पूरे system में पारदर्शिता ला रहे हैं: पीएम मोदी
- बहुत लंबे समय से आपकी मांग थी कि आपके लिए सुपर स्पेशिएलिटी अस्पताल बनाया जाए। आज इस ऐतिहासिक अवसर पर मुझे आपको ये बताने का सौभाग्य मिला है कि एक नहीं बल्कि हम ऐसे तीन सुपर स्पेशिएलिटी अस्पताल बनाने जा रहे हैं: पीएम मोदी
- नया भारत आज नई रीति और नई नीति से आगे बढ़ रहा है, मजबूती के साथ विश्व पटल पर अपनी भूमिका तय कर रहा है, इसमें एक बड़ा योगदान आपके शौर्य और समर्पण का है: पीएम मोदी
- आप सभी भूतपूर्व नहीं, अभूतपूर्व हैं क्योंकि आप जैसे लाखों सैनिकों के शौर्य और समर्पण के कारण ही आज हमारी सेना की गिनती दुनिया की सबसे ताकतवर सेनाओं में होती है: पीएम मोदी
- इस ऐतिहासिक स्थान पर मैं, पुलवामा में शहीद हुए वीर सपूतों, भारत की रक्षा में सर्वस्व न्योछावर करने वाले हर बलिदानी को नमन करता हूं। मैं राष्ट्र रक्षा के सभी मोर्चों पर, मुश्किल परिस्थितियों में डटे हर वीर-वीरांगना को भी नमन करता हूं: पीएम मोदी
- आज मुझे बहुत संतोष है कि थोड़ी देर बाद आपका और देश का, दशकों लंबा इतंज़ार खत्म होने वाला है। आज़ादी के सात दशक बाद मां भारती के लिए बलिदान देने वालों की याद में निर्मित राष्ट्रीय समर स्मारक, उन्हें समर्पित किया जाने वाला है: पीएम मोदी
- राष्ट्रीय समर स्मारक की मांग कई दशक से निरंतर हो रही थी। बीते दशकों में एक-दो बार प्रयास हुए लेकिन कुछ ठोस हो नहीं पाया। आपके आशीर्वाद से साल 2014 में हमने राष्ट्रीय समर स्मारक बनाने के लिए प्रक्रिया शुरु की और आज तय समय से पहले ही इसका लोकार्पण होने वाला है: पीएम मोदी
सशस्त्र बलों की ओर से ऐसे राष्ट्रीय स्मारक की बीते 6 दशकों से मांग की जा रही थी। मौजूदा केंद्र सरकार ने 2015 में इस स्मारक के निर्माण के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। गौरतलब है कि दुनिया के बड़े देशों में अब तक भारत ही था, जहां सैनिकों के बलिदान को याद करने के लिए कोई वॉर मेमोरियल नहीं था, लेकिन अब इसके निर्माण के साथ वह कमी भी पूरी हो गई है। इससे पहले इंडिया गेट वॉर मेमोरियल बना था लेकिन उसे अंग्रेजों ने बनवाया था। इंडिटा गेट को 1931 में पहले विश्व युद्ध में हिस्सा लेने वाले भारतीय सैनिकों के सम्मान में बनाया गया था।
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