कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हावड़ा जिले में रामकृष्ण मिशन के मुख्यालय बेलूर मठ में शनिवार रात गुजार सकते हैं। मिशन के अधिकारियों ने यह जानकारी दी। अगर मोदी मठ में रात गुजारते हैं तो ऐसा करने वाले वह संभवत: पहले प्रधानमंत्री होंगे। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और कई दूसरे प्रधानमंत्री भी कई बार मठ आ चुके हैं लेकिन कोई भी रात में यहां नहीं ठहरा था। उन्होंने बताया कि इससे पहले जारी यात्रा कार्यक्रम के अनुसार मोदी शनिवार रात को राज भवन में रुकने वाले थे।
मिशन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘यात्राक्रम में थोड़ा सा बदलाव किया गया है। इससे पहले प्रधानमंत्री की यहां रुकने की कोई योजना नहीं थी। लेकिन अब, हमें प्रधानमंत्री के विशेष सुरक्षा समूह (एसपीजी) के प्रभारी ने बताया कि प्रधानमंत्री हमारे मठ में आज रात रुक सकते हैं।’’उन्होंने कहा, “अगर वह यहां रुकते हैं तो उन्हें मठ परिसर के अंदर अंतरराष्ट्रीय अतिथि गृह में ठहराया जाएगा।”
अधिकारियों ने कहा कि प्रधानमंत्री का यहां रात में ठहरने का फैसला इस तथ्य को ध्यान में रखकर लिया गया हो सकता है कि रामकृष्ण मिशन के संस्थापक स्वामी विवेकानंद की जयंती रविवार को पड़ रही है। उन्होंने कहा, “जैसा कि एसपीजी द्वारा बताया गया प्रधानमंत्री अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम पर रवाना होने से पहले कल सुबह यहां मठ में स्थित स्वामीजी के मंदिर में ध्यान कर सकते हैं।”
अधिकारियों ने कहा कि रविवार को मठ में एक प्रार्थना सभा भी आयोजित की जा रही है और प्रधानमंत्री इसमें शामिल हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि मठ में अपने दौरे के दौरान प्रधानमंत्री का श्री रामकृष्ण, श्री शारदा देवी और स्वामी विवेकानंद के प्रति सम्मान व्यक्त करने के बाद अध्यक्ष स्मरणानंद से मुलाकात का कार्यक्रम है। अधिकारियों ने कहा, “प्रधानमंत्री जब यहां पहुंचेंगे तो उन्हें प्रसाद दिया जाएगा। और अगर वह रात में रुकते हैं तो उन्हें भोग दिया जाएगा। वहां कोई विशेष व्यवस्था नहीं होगी। भोग और प्रसाद वही होगा जो हम दूसरे भक्तों को देते हैं।”
उन्होंने कहा कि पूरे मठ को एसपीजी समूह ने अपने नियंत्रण में ले लिया है और परिसर में आम लोगों को आने की इजाजत नहीं होगी। मिशन के अधिकारियों ने कहा, “शाम से, एसपीजी मठ को पूरी तरह अपने नियंत्रण में ले लेगी। वे ये फैसला लेंगे कि परिसर के अंदर किसी आगंतुक को प्रवेश की इजाजत होगी या नहीं।”
स्वामी विवेकानंद द्वारा 1897 में स्थापित रामकृष्ण मिशन से मोदी का परिचय नया नहीं है। वह जब किशोर थे तब स्वामी विवेकानंद की शिक्षाओं से प्रेरित होकर गुजरात की राजकोट शाखा में मिशन के आश्रम पहुंचे थे और संस्था से जुड़ने की इच्छा जाहिर की थी। तब उस आश्रम के प्रमुख आत्मसहजानंद ने उन्हें संन्यास न लेकर लोगों के बीच रहकर काम करने को कहा था। पीएम मोदी अपनी दो दिवसीय यात्रा के तहत शनिवार शाम यहां आने वाले हैं और वह कोलकाता बंदरगाह ट्रस्ट की 150वीं वर्षगांठ के मौके पर आयोजित समारोह में शामिल होंगे और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ बैठक करेंगे।