देहरादून: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज वीडियो कांफ्रेंसिंग से ड्रोन के जरिए केदारनाथ में चल रहे पुनर्निर्माण कार्यों का जायजा लिया और केदारनाथ को भव्य और दिव्य स्वरूप प्रदान करने के लिए किये जा रहे कार्यों की सराहना की। मोदी ने पिछले दो महीनों में दूसरी बार हिमालयी धाम के चारों तरफ चल रहे पुनर्निर्माण कार्यों की प्रगति का जायजा लिया। इन परियोजनाओं का शिलान्यास प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले साल मंदिर के कपाट बंद होने से एक दिन पहले किया था।
केंद्र सरकार विशेष रूप से प्रधानमंत्री मोदी की महत्वाकांक्षी परियोजना के तहत केदारनाथ पुनर्निर्माण का कार्य अगले साल देश में होने वाले आम चुनावों में भाजपा के मुख्य मुददों में से एक हो सकता है। पिछले साल केदारपुरी में परियोजनाओं का शिलान्यास करने आये मोदी ने प्रदेश की तत्कालीन कांग्रेस सरकार पर आपदा के समय उन्हें पुनर्वास कार्य करने से रोकने का आरोप लगाया था।
यहां जारी एक सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, प्रदेश के मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने ड्रोन से प्रधानमंत्री को दिखाया कि मंदिर के चबूतरे का क्षेत्रफल 1500 वर्ग मीटर से बढ़ाकर 4125 वर्ग मीटर कर दिया गया है। मंदाकिनी और सरस्वती नदियों के संगम स्थल से मंदिर परिसर की दूरी 270 मीटर है और 2013 की प्राकृतिक आपदा में इस स्थान पर इकट्ठा हो गये 12 फीट मलबे को खुदाई कर हटा दिया गया है।
सिंह ने बताया कि ऐसी व्यवस्था की गई है कि मार्ग के प्रारंभिक बिंदु से मंदिर का दृश्य अबाधित रूप से दिखाई दे। उन्होंने बताया कि मार्ग की चैड़ाई 50 फीट कर दी गई है तथा मार्ग के दोनों किनारों पर ड्रेनेज और केबल्स के लिए डक्ट की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है।
यात्रियों की सुविधा के लिए इस मार्ग के मध्य में फिलहाल 10 फीट चौडाई में पत्थर तराश कर बिछाने का कार्य पूरा कर लिया गया है। सरस्वती नदी पर 470 मीटर और मंदाकिनी नदी पर 380 मीटर लंबाई में सुरक्षा दीवार बनाई जा रही है। तिहत्तर :73: तीर्थ पुरोहितों के आवास निर्माण में 13 आवासों के निर्माण का कार्य चल रहा है। इसके अलावा गरुड़चट्टी से श्री केदारनाथ तक का साढे तीन किलोमीटर पैदल मार्ग का पुनर्निर्माण कार्य पूरा हो गया है।
सिंह ने बताया कि गौरीकुंड से लिंचैली होते हुए मार्ग का चौड़ीकरण और सुधार कार्य 70 प्रतिशत तक पूरा कर लिया गया है जबकि मंदिर के पूर्वी भाग में हिमस्खलन और भूस्खलन से बचाव हेतु 300 मीटर में बैरियर और ड्रेनेज निर्माण कार्य हो गया है। मुख्य सचिव ने बताया कि केदारनाथ पुनर्निर्माण के लिए केदारनाथ उत्थान चैरिटेबल ट्रस्ट बनाया गया है जिसमें अब तक लगभग 10 करोड़ रुपये सीएसआर मद से जमा हो चुके हैं। मंदाकिनी के दाहिने तट से 200 मीटर ऊंचाई पर योग ध्यान गुफा का निर्माण कराया जा रहा है।