लेह। प्रधानमंत्री मोदी शुक्रवार सुबह अचानक लेह पहुंचे हैं, प्रधानमंत्री मोदी के लेह जाने के बारे में जानकारी कुछ ही लोगों को पता थी। शुक्रवार सुबह जब प्रधानमंत्री मोदी लेह पहुंचे हैं तभी लोगों को इसके बारे में पता चला है। पहले सिर्फ इतनी जानकारी दी गई थी कि चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) बिपिन रावत ही लेह जा रहे हैं। लेकिन शुक्रवार सुबह यह जानकारी आई है कि खुद प्रधानमंत्री मोदी लेह पहुंचे हैं और उनके साथ CDS बिपिन रावत भी हैं। प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा लद्दाख सीमा पर चीन का सामान कर रहे सैनिकों का हैंसला बढ़ाने वाला साबित हो सकता है। प्रधानमंत्री मोदी के साथ सेना प्रमुख जनरल एमए नरवणे भी मौजूद हैं।
शुक्रवार को लेह के लिए पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का दौरा निर्धारित था लेकिन गुरुवार को अचानक उसे रद्द कर दिया गया था। उस समय कुछ लोगों के अलावा शायद ये कोई नहीं जानता था कि रक्षा मंत्री का दौरा क्यों रद्द हुआ है। दरअसल गुरुवार को ही यह तय हो गया था कि रक्षा मंत्री की जगह अब खुद प्रधानमंत्री मोदी शुक्रवार को लेह जाएंगे। और आज प्रधानमंत्री मोदी खुद जवानों के मनोबल को बढ़ाने के लिए बॉर्डर के पास पहुंच गए हैं।
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प्रधानमंत्री मोदी के साथ सिर्फ CDS बिपिन रावत और सेना प्रमुख जनरल एमएन नरवणे ही नहीं है बल्कि चीन के साथ कमांडर स्तर की बातचीत के लिए जिन लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह को मुखिया बनाया गया है वे भी मौजूद हैं। इसके अलावा नॉर्दन आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल वाईके जोशी भी साथ में हैं।
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लद्दाख में भारत और चीन के सैनिकों के बीच सीमा पर सात सप्ताह से गतिरोध की स्थिति है। ऐसे समय में प्रधानमंत्री का यह दौरा सैनिकों का हौंसला बढ़ाने वाला होगा। प्रधानमंत्री के दौरे से पहले सेना प्रमुख जनरल एमएन नरवणे ने 23 और 24 जून को लद्दाख का दौरा किया था, जिस दौरान उन्होंने सेना के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ सिलसिलेवार बैठक की थी और पूर्वी लद्दाख में विभिन्न अग्रिम इलाकों में भी गये थे।
पिछले सात सप्ताह से भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच पूर्वी लद्दाख में कई स्थानों पर गतिरोध बना हुआ है। वहीं, 15 जून को गलवान घाटी में हुई एक हिंसक झड़प में भारत के 20 सैनिकों के शहीद होने के बाद यह तनाव कई गुना बढ़ गया। झड़प में चीनी सैनिक भी हताहत हुए, लेकिन अभी तक चीन ने इस बारे में ब्योरा नहीं दिया है।