नई दिल्ली: अयोध्या में राम मंदिर के भूमि पूजन के मुहूर्त पर विवाद बढ़ता ही जा रहा है। कल पीएम नरेंद्र मोदी भूमि पूजन करेंगे इस बीच 'भूमि पूजन' करने के लिए शुभ समय तय करने वाले पुजारी विजयेंद्र को फोन पर धमकियां मिली है, जिसके बाद कर्नाटक के बेलगावी में उनके आवास पर सुरक्षा प्रदान की गई है। सूत्रों के अनुसार बेलगावी के शास्त्री नगर इलाके में रहने वाले पुजारी को धमकी मिलने के बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और उनके आवास पर पुलिस की तैनाती कर दी गई है।
श्री राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के एक सदस्य ने कहा, "यह गंभीर चिंता का विषय है कि जो पुजारी ' मुहूर्त' तय करते हैं, उन्हें भी उन लोगों द्वारा नहीं बख्शा जा रहा है जो मंदिर का निर्माण नहीं चाहते हैं।"
विजयेंद्र ने पत्रकारों को बताया कि एक कॉलर ने उनसे पूछा कि उन्होंने भूमि पूजन की तारीख क्यों निर्धारित की है। 'उसने कहा' 'आप इन सब में क्यों पड़ना चाहते हैं?' मैंने कहा कि आयोजकों ने मुझसे भूमि पूजन के लिए शुभ तारीख बताने के लिए अनुरोध किया था और मैंने उन्हें बता दिया। फोन करने वाले ने अपना नाम नहीं बताया। विभिन्न नंबरों से कॉल आ रहे हैं।
विजयेंद्र पिछले कई वर्षों से राम मंदिर आंदोलन से जुड़े रहे हैं। इस वर्ष फरवरी में, उन्हें ट्रस्ट द्वारा मंदिर निर्माण कार्य के शुभारंभ के लिए उपयुक्त समय की गणना करने और सूचित करने के लिए कहा गया था। हालांकि, वह कोरोनो वायरस महामारी के कारण भूमि पूजन समारोह में शामिल नहीं हो पाएंगे।
बता दें कि भूमि पूजन की तारीख को लेकर काफी विवाद हो रहा है। शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने इसके तय वक्त को शुभ नहीं बताया है। उन्होंने कहा कि 5 अगस्त को दक्षिणायन भाद्रपद मास कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि है। शास्त्रों में भाद्रपद मास में गृह, मंदिरारंभ कार्य निषिद्ध है। उन्होंने इसके लिए विष्णु धर्म शास्त्र और नैवज्ञ बल्लभ ग्रंथ का हवाला दिया।
काशी के संतों के साथ ही ज्योतिषी भी भूमि पूजन को लेकर तय मुहूर्त पर सवाल खड़े कर रहे हैं। संतों और ज्योतिषियों ने भूमि पूजन के लिए तय इस तारीख के मुहूर्त को उस दिन का सबसे अशुभ समय बताया है। शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के शिष्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने भी अपने फेसबुक पेज पर पोस्ट कर भूमि पूजन की तय तिथि यानि 5 अगस्त को अशुभ बताया है।