नई दिल्ली। कर्नाटक सरकार द्वारा पेश किए गए अपनी तरह के पहले विधेयक को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मंजूरी प्रदान कर दी है। यह विधेयक कर्नाटक में ऐसे लोगों को संरक्षण प्रदान करेगा जो दुर्घटना पीड़ितों को जरूरत के समय आपात चिकित्सकीय मदद मुहैया कराते हैं। गुड समेरिटन बिल पारित करने वाला कर्नाटक देश का पहला राज्य है।
कर्नाटक गुड समेरिटन एंड मेडिकल प्रोफेशनल (आपात परिस्थितियों में संरक्षण एवं विनियमन) बिल 2016 ऐसे नेक लोगों को विधिक संरक्षण मुहैया कराने का काम करेगा जो जो दुर्घटना पीड़ितों को 1 घंटे के भीरत आपात चिकित्सकीय मदद मुहैया कराते हैं। जानकारों के मुताबिक दुर्घटना के पहले 1 घंटे को सबसे ज्यादा मुश्किल वक्त माना जाता है, अधिकतर पीडि़तों की मौत इसी दौरान होती है। 2016 के आंकड़ों के मुताबिक देश भर में 3,80,652 दुर्घटनाएं हुई थीं, जिसमें 1,50,785 लोगों की मौत हुई थी।
विधेयक का उद्देश्य
इस विधेयक का उद्देश्य ऐसे नेक लोगों को संरक्षण प्रदान करना और सड़क दुर्घटना पीड़ितों को जरूरत के समय तत्काल चिकित्सकीय सहायता सुनिश्चित करना है। सरकार का मानना है कि इससे लोग ज्यादा संख्या में मदद करने के लिए सामने आएंगे। इसके साथ ही इसका उद्देश्य लोगों को इसके लिए प्रोत्साहित करना है कि वे पुलिस द्वारा एवं जांच के दौरान प्रताड़ना के भय के बिना पीड़ितों को प्राथमिक उपचार मुहैया करायें। इसके कानून के बनने से अब उन्हें बार बार पुलिस थाने में हाजिरी लगाने से भी छूट मिलेगी।
गुड समेरिटन फंड
इस कानून के तहत एक गुड समेरिटन फंड भी तैयार किया जाएगा जो कि इस प्रकार की मदद के दौरान होने वाले खर्च की भरपाई करेगा। इसके साथ ही यह ऐसे दुर्घटना पीडि़तों की भी मदद करेगा जो अस्पताल का खर्च उठाने के काबिल नहीं हैं । इस कानून के अनुसार सरकारी और निजी दोनों प्रकार के अस्पतालों के लिए दुर्घटना पीडि़तों को फर्स्टएड मुहैया करवाना जरूरी होगा।