नयी दिल्ली। हिंदी के प्रसिद्ध साहित्यकार एवं उपन्यासकार नरेंद्र कोहली का शनिवार को निधन हो गया। वह 81 वर्ष के थे। राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नरेंद्र कोहली के निधन पर दुख व्यक्त किया है। साथ ही आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने साहित्य में कोहली के योगदान का उल्लेख करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी।
राष्ट्रपति ने अपने ट्वीट में लिखा है कि 'प्रख्यात साहित्यकार डॉ. नरेन्द्र कोहली के निधन से बहुत दुख हुआ। हिंदी साहित्य जगत में उनका विशेष योगदान रहा है। उन्होंने हमारे पौराणिक आख्यानों को आधुनिक परिप्रेक्ष्य में विश्व के समक्ष प्रस्तुत किया। पद्मश्री से सम्मानित श्री कोहली के परिवार और पाठकों के प्रति मेरी शोक संवेदना।'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी हिंदी के प्रसिद्ध साहित्यकार एवं उपन्यासकार नरेंद्र कोहली के निधन पर शोक जताते हुए कहा कि साहित्य में पौराणिक और ऐतिहासिक चरित्रों के जीवंत चित्रण के लिए उन्हें हमेशा याद किया जाएगा। प्रधानमंत्री मोदी ने उनके निधन पर शोक जताते हुए ट्वीट कर कहा, ‘‘सुप्रसिद्ध साहित्यकार नरेंद्र कोहली जी के निधन से अत्यंत दुख पहुंचा है। साहित्य में पौराणिक और ऐतिहासिक चरित्रों के जीवंत चित्रण के लिए वे हमेशा याद किए जाएंगे। शोक की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिजनों और प्रशंसकों के साथ हैं। ओम शांति!’’
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने ट्वीट कर अपने शोक संदेश में कहा, 'प्रसिद्ध साहित्यकार श्री नरेंद्र कोहली के निधन के दुखद समाचार से हृदय को अतीव दुख पहुंचा। कोहली जी ऐसे शब्द योगी थे जिन्होंने अपने लेखन से इस माटी की विरासत और समृद्ध परंपराओं को युगानुकूल संदर्भों में परिभाषित किया। उनके जाने से साहित्य के एक प्राज्ज्वलयमान अध्याय का अंत हो गया है।'
कोहली ने दिल्ली विश्वविद्यालय के मोतीलाल नेहरू कालेज में हिंदी के प्राध्यापक के रूप में भी काम किया था। कोहली का महाभारत पर आधारित उनका विशाल उपन्यास 'महासमर' तथा स्वामी विवेकानंद के जीवन पर आधारित उपन्यास 'तोड़ो कारा तोड़ो' काफी लोकप्रिय हुए। पारिवारिक सूत्रों के अनुसार कोहली का कोरोना संक्रमण के कारण शनिवार को राजधानी दिल्ली के एक अस्पताल में निधन हो गया।