नई दिल्ली: राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के नाम के आगे कल से पूर्व राष्ट्रपति जुड़ जाएगा। ससंद भवन में आज प्रणब मुखर्जी का विदाई समारोह संपन्न हो गया। प्रणब मुखर्जी ने बीते पांच साल में जो किया वो पक्ष और विपक्ष की सीमाओं से कहीं आगे है। न उनपर किसी का पक्ष लेने का आरोप लगा और न ही चुप रहने का। समय-समय पर उन्होंने बेबाक टिप्पणी की इसके बाद भी वो निर्विवाद रहे। यूपीए सरकार के दौरान जिस शान से प्रणब दा राष्ट्रपति बने उसी शान से एनडीए सरकार में उनकी विदाई भी हुई।
जानें, अपने विदाई भाषण में क्या कहा राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने...
- संसद में 37 साल का सफर 13वें राष्ट्रपति के रूप में निर्वाचित होने के बाद खत्म हुआ था, फिर भी जुड़ाव वैसा ही रहा: राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी
- जब संसद में किसी व्यवधान की वजह से कार्रवाई नहीं हो पाती तो लगता है कि देश के लोगों के साथ गलत हो रहा है: प्रेजिडेंट प्रणब मुखर्जी
- मैंने बहुत से बदलाव देखे, हाल ही में GST का लागू होना भी गरीबों को राहत देने की दिशा में बड़े कदम का उदाहरण है: राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी
- संसद में मेरा करियर इंदिरा गांधी से प्रभावित रहा। संसद में पक्ष और विपक्ष में बैठते हुए मैंने समझा कि सवाल पूछना और उनसे जुड़ना कितना ज़रूरी है: राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी
- मुझे लोकतंत्र के इस मंदिर ने, इस संसद ने तैयार किया है। 22 जुलाई 1969 को अटेंड किया था पहला राज्यसभा सत्र: राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी
प्रणब दा ने क्या बड़े फैसले लिए?
- 30 मर्सी पिटीशन खारिज
- 34 मर्सी पिटीशन पर फैसला
- 88% मर्सी पिटीशन खारिज
- अफजल गुरू, कसाब को फांसी
- 'महामहिम' शब्द को हटाया
- राष्ट्रपति भवन में लोगों की एंट्री
- बेबाक राय रखी
- निष्पक्ष रहे प्रणब
- सरकार को दी सीख
- विपक्ष को दी नसीहत
- आर्थिक सुधारों की सराहना
- नोटबंदी की तारीफ
रिटायरमेंट के बाद क्या?
रिटायरमेंट के बाद प्रणब मुखर्जी 10 राजाजी मार्ग स्थित आवास में रहेंगे
5 लोगों का स्टाफ रहेगा, जिसका खर्च उठाने के लिए 60 हजार रुपए सालाना मिलेंगे
दो टेलीफोन मिलेंगे, जिनमें से एक इंटरनेट और ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी के लिए होगा
एक मोबाइल फोन मिलेगा, जिसमें ऑल इंडिया रोमिंग फ्री सुविधा रहेगी
रिटायरमेंट के बाद राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को आजीवन मेडिकल ट्रीटमेंट फ्री मिलेगा
ऑटोबायोग्राफी की तीसरी बुक पूरी कर सकते हैं, पढ़ाने का काम भी कर सकते हैं प्रणब