जम्मू: जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने घाटी में प्रीपेड मोबाइल सेवाओं पर पांच महीने से लगी रोक को शनिवार को हटाने का आदेश दिया। एक आधिकारिक प्रवक्ता ने बताया कि इसके अलावा पूरे जम्मू क्षेत्र में पोस्टपेड कनेक्शनों पर 2जी मोबाइल डेटा सेवा भी बहाल कर दी गई। वहीं कश्मीर में पोस्टपेड मोबाइलों पर 2जी मोबाइल डेटा सेवा केवल दो जिलों - कुपवाड़ा और बांदीपोरा में शुरू की गई हैं। प्रशासन ने घाटी में सॉफ्टवेयर सेवाएं देने वाली कंपनियों से फिक्स्ड लाइन इंटरनेट संचार सेवा को सावधानीपूर्वक शुरू करने का भी आदेश दिया।
जम्मू-कश्मीर प्रशासन के प्रधान सचिव रोहित कंसल ने कहा, “टेलीकॉम सेवा प्रदाताओं को सक्षम अधिकारियों द्वारा आज (शनिवार को) जारी आदेश में बताए गए सभी सुरक्षा उपाय करने के बाद तत्काल प्रभाव से निर्देशों को अमल में लाने का निर्देश दिया गया है।” इस कदम से पहले उच्चतम न्यायालय ने 10 जनवरी को महत्त्वपूर्ण फैसला देते हुए जम्मू-कश्मीर प्रशासन से केंद्र शासित प्रदेश में प्रतिबंध लगाने संबंधी सभी आदेशों की एक हफ्ते के भीतर समीक्षा करने को कहा। केंद्र के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान निरस्त कर राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने की पांच अगस्त की घोषणा की पूर्व संध्या पर जम्मू कश्मीर में इंटरनेट, लैंडलाइन, मोबाइल फोन सेवाएं बंद कर दी गई थी।
जम्मू में मोबाइल इंटरनेट को छोड़ कर अन्य सभी दूरसंचार सेवाओं को एक हफ्ते के भीतर बहाल कर लिया गया था जबकि कश्मीर में लैंडलाइन, पोस्टपोड मोबाइल सेवाएं और अस्पतालों जैसी आवश्यक सुविधाओं में इंटरनेट सेवाएं बहाल कर दी गईं। सरकार के आधिकारिक प्रवक्ता कंसल ने कहा, “सावधानीपूर्वक समीक्षा के बाद, समक्ष अधिकारियों ने आज आदेश दिया कि जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश के सभी स्थानीय प्रीपेड सिम कार्ड्स पर वॉयस एवं एसएमएस सुविधाएं शुरू कर दी जाएं।” कंसल ने कहा कि ऐसे सिम कार्ड पर मोबाइल इंटरनेट सुविधा प्रदान करने के लिए दूरसंचार सेवा प्रदाताओं को उपभोक्ताओं की जानकारी की पुष्टि करनी होगी।
उन्होंने कहा कि इंटरनेट सेवा प्रदाता - बीएसएनएल और निजी सेवा प्रतादा- एहतियात के साथ फिक्स्ड लाइन इंटरनेट संचार सेवा उपलब्ध कराएंगे। इंटरनेट सेवा प्रदाताओं से जम्मू क्षेत्र के सभी दस जिलों और कश्मीर क्षेत्र के दो जिलों कुपवाड़ा और बांदीपोरा में पोस्टपेड मोबाइलों पर 2जी मोबाइल डेटा सेवा शुरू करने को कहा गया है। हालांकि उन्होंने बताया कि घाटी के श्रीनगर, बडगाम, गांदेरबल, बारामूला, अनंतनाग, कुलगाम, पुलवामा और शोपियां जिले में मोबाइल इंटरनेट सेवा बंद रहेगी। उच्चतम न्यायालय केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन पर मनमाने ढंग से इंटरनेट बंद करने के लिए 10 जनवरी को जमकर बरसा था। शीर्ष अदालत ने इस सुविधा को मौलिक अधिकार बताया था।
कंसल ने 14 जनवरी के आदेश का हवाला देते हुए कहा कि संपूर्ण प्रयास जमीनी स्थिति को नजर में रखते हुए प्रतिबंधों को कम से कम रखने का है। इस आदेश के तहत जम्मू के 10 जिलों में से पांच में 2जी सेवाएं और बैंक, सरकारी कार्यालयों, व्यापार, पर्यटन एवं यात्रा प्रतिष्ठानों जैसी आवश्यक सेवाओं के लिए ब्रॉडबैंड सुविधाएं आंशिक रूप से बहाल करने की घोषणा की गई थी। गृह विभाग के प्रधान सचिव शालीन काबरा द्वारा जारी आदेश के मुताबिक, ‘‘ये निर्देश शनिवार से प्रभावी होंगे और 24 जनवरी तक लागू रहेंगे बशर्ते उनमें पूर्व में कोई बदलाव न किए जाएं।” आदेश में कहा गया, “दूरसंचार सेवाओं के नियमन से संबंधित 14 जनवरी के निर्देशों का अनुसरण करते हुए जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश में सुरक्षा के संपूर्ण परिदृश्य के आकलन से उन इलाकों में तत्काल किसी प्रतिकूल प्रभाव का संकेत नहीं मिला है जहां इंटरनेट सेवाएं उपलब्ध कराई गई हैं।”