नई दिल्ली: मुंबई में बारिश लोगों के लिए राहत के साथ मुसीबत भी बन रही है। पिछले दो दिनों से प्री मॉनसून बारिश में ही मुंबई का बुरा हाल है। सोमवार शाम भी चंद घंटों की बारिश में मुंबई के कई इलाक़ों में पानी भर गया जिससे कई गाड़ियां ख़राब हो गई। बारिश का असर ट्रेन के साथ-साथ फ्लाइट्स पर भी हुआ। इस बारिश से लोगों को गर्मी से तो राहत मिली है लेकिन ये राहत अपने साथ आफत भी लाई है। ये वो मुंबई है जिसकी किस्मत में शायद हर साल डूब जाना लिखा है क्योंकि अगर सबक लिया जाता तो प्री मॉनसून बारिश में ही मायानगरी का ऐसा हाल नहीं होता।
कुछ इलाकों में बारिश के चलते लंबा जाम भी लग गया। बीएमसी के दावों की पोल खुली तो लोग ख़ुद राहत तलाशने की उम्मीद करने लगे। चंद घंटों की बारिश में जिस इलाक़े की तस्वीर सबसे पहले बदरंग हुई वो था मालाबार हिल्स। जहां पता ही नहीं चल पा रहा था कि सड़कें कहां हैं, मेन होल कहां है और गड्ढे कहां हैं। जब बारिश शुरू हुई तो यहां के बाशिंदो को लगा कि ये राहत की बूंदें हैं लेकिन बढ़ते वक़्त के साथ मुसीबत बढ़ती गईं। जहां पानी नहीं भरा वहां ट्रैफिक जाम लोगों के लिए टेंशन का सबब बन गया।
मुसीबत सिर्फ़ वॉटर लॉगिंग और ट्रैफिक की शक्ल में ही नहीं आई मुंबई के लिए बल्कि इतनी तूफानी हवाएं चलीं जिसने कई पेड़ों को भी सड़क पर ला पटका। मुंबई के अलग-अलग इलाक़ों में क़रीब 40 पेड़ गिरने की ख़बर है। जब बारिश पर ब्रेक लगा तो पता चला कि अंधेरी में सबसे ज़्यादा 46 एमएम बारिश रिकॉर्ड हुई। इसके अलावा दहिसर में 43 एमएम, धारावी में 39 एमएम, वडाला में 35 एमएम, और बायकला में 33 एमएम बारिश दर्ज की गई। सोमवार शाम जब मुंबई में बारिश आई तो असर सड़कों से लेकर रेलवे ट्रैक और एयरपोर्ट के रनवे तक हुआ।
ख़राब मौसम की वजह से 18 फ्लाइट्स को डायवर्ट करना पड़ा। कई फ्लाइट्स की उड़ान और टेक ऑफ में 45 मिनट की देरी रही। वहीं सेंट्रल और वेस्टर्न रेलवे पर ट्रेन 15 से 25 मिनट की देरी से चली। इसके अलावा महाराष्ट्र के भिवंडी में भी तेज़ बारिश के चलते दीवार गिरने से 6 लोग घायल हुए हैं लेकिन ये मुश्किल और बड़ी हो सकती है। मौसम विभाग की मानें तो अगले 48 घंटे मुंबई में और ज़्यादा बारिश हो सकती है।
तो सोचिए जब प्री मॉनसून में हाल ऐसा हो तो मॉनसून की मूसलाधार बारिश में हाल क्या होगा जो चंद दिनों में दस्तक देने वाला है। कुछ घंटों की बारिश में पानी-पानी हुई मुंबई की इन तस्वीरों को देखने के बाद नसीहत यही है कि अलर्ट रहें। जरुरत पड़ने पर ही घर से संभलकर निकलें और तैयारी के साथ निकलें क्योंकि शायद बीएमसी की व्यवस्था एक बार फिर मौसम के सामने मूकदर्शक है।