नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने अवमानना के मामले में देश के मशहूर वकील प्रशांत भूषण को दोषी करार दिया है। अभी सज़ा तय नहीं हुई, उस पर सुनवाई 20 अगस्त को होगी। न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा, न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी की पीठ ने इस मामले में भूषण को दोषी माना। प्रशांत भूषण ने 27 जून को अपने ट्विटर हैंडल से CJI एसए बोबडे और सुप्रीम कोर्ट के ख़िलाफ़ ट्वीट किए थे।
दरअसल, 2009 में सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने जजों पर आरोप लगाए थे। 2009 में प्रशांत भूषण ने 8 पूर्व चीफ जस्टिस को भ्रष्ट बताया था। भूषण के इसी बयान के बाद उन्हें अवमानना का नोटिस भेजा गया था जिसके बाद प्रशांत भूषण ने अपनी सफाई भी दी।
मामले की पिछली सुनवाई में प्रशांत भूषण ने अपनी सफाई में कहा था कि उन्हें अपने बयान पर खेद है। साथ ही भूषण ने कहा था कि मेरा मतलब आर्थिक भ्रष्टाचार नहीं, कर्तव्य निभाने में असफलता था।
भूषण की ओर से सीनियर एडवोकेट दुष्यंत दवे ने बहस करते हुए कहा था कि कई जजों से मानवीय भूलें होती रही हैं। न्यायपालिका को सहज और ईमानदार टिप्पणियों के लिए सजा नहीं देनी चाहिए।