नई दिल्ली: देश के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी जल्द ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के नागपुर स्थित मुख्यालय में संघ के स्वयंसेवकों को संबोधित कर दिख सकते हैं। इस मामले में सामने आ रही जानकारी के मुताबिक, आगामी 7 जून को पूर्व राष्ट्रपति नागपुर में स्वयंसेवकों के विदाई संबोधन के लिए आरएसएस ने आमंत्रित किया है जिसे उन्होंने स्वीकार भी कर लिया है। हालांकि अभी इस बात को उनकी तरफ से कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। नागपुर में इस समय संघ की तरफ से संघ शिक्षा वर्ग तृतीय वर्ष नाम से एक कैंप चल रहा है। जिसमें देश भर के संघ के करीब 800 स्वयंसेवकों ने हिस्सा लिया है। हर साल जून में होने वाला ये कैंप संघ की शिक्षा-दीक्षा में बेहद उच्च स्थान रखता है। पूरे महीने भर इस कैंप में रहकर स्वयंसेवक संघ को विचारधारा और परिपाटी को समझते हैं। इस कैंप के स्वयंसेवकों को प्रणब मुखर्जी संबोधित करेंगे।
संघ विचारक आरएसएस विचारक राकेश सिन्हा ने सोमवार को इस खबर पर मौहर लगाई है। गौरतलब है कि जब प्रणब मुखर्जी राष्ट्रपति थे, तब आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत उनसे मिलने पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने आरएसएस के बारे में और अधिक जानने की इच्छा जताई थी इसीलिए उन्हें इस कार्यक्रम में शामिल होने का न्योता दिया गया जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया। राष्ट्रपति रहते हुए मौजूदा बीजेपी सरकार और पीएम नरेंद्र मोदी के साथ उनके काफी अच्छे रिश्ते रहे. पीएम मोदी कई सार्वजनिक मंचों से प्रणब मुखर्जी की तारीफ कर चुके हैं. वहीं कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी समेत पार्टी के सभी बड़े नेता आरएसएस के प्रति आक्रामक रुख अपनाए रहते हैं। उल्लेखनीय है कि आरएसएस के मुख्यालय नागपुर में हर वर्ष ऐसा कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। इस कार्यक्रम का नाम पहले ऑफिसर ट्रेनिंग कोर्स था। लेकिन अब इसे बदलकर संघ शिक्षा वर्ग कर दिया गया है।
संघ शिक्षा वर्ग में शिक्षा लेने के बाद आरएसएस के कार्यकर्ता पूर्णकालिक प्रचारक बन सकते हैं। इसके बाद ये प्रचारक जीवनभर देश में संघ की विचारधारा के साथ काम करते हैं। प्रणब मुखर्जी करीब तीन दशक तक कांग्रेस पार्टी की तरफ से सक्रिय राजनीति में रहे हैं। कांग्रेस की विभिन्न सरकारों में प्रणब मुखर्जी वित्त मंत्री और गृह मंत्री का पद भी संभाल चुके हैं। हालांकि बाद में राष्ट्रपति रहते हुए प्रणब मुखर्जी के मौजूदा बीजेपी सरकार और पीएम नरेंद्र मोदी के साथ उनके काफी अच्छे रिश्ते रहे है। पीएम मोदी कई सार्वजनिक मंचों से प्रणब मुखर्जी की तारीफ कर चुके हैं। ऐसे में अब 7 जून को प्रणब मुखर्जी और संघ प्रमुख मोहन भागवत एक मंच पर दिखाई दे सकते हैं।