नई दिल्ली: राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के पद से मुक्त होने से एक दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनकी सराहना करते हुए सोमवार को कहा कि उन्होंने उनकी सरकार के फैसलों की न तो कभी आलोचना की और न ही पिछली सरकारों द्वारा लिए गए फैसलों से उनकी तुलना की। मोदी ने कहा, "प्रणब दा के साथ तीन साल काम कर मैं हतप्रभ रहा कि इतने समय सरकार का हिस्सा रहने और फैसले लेने के पद पर रहने के बावजूद उन्होंने मेरी सरकार के फैसलों की न तो कभी आलोचना की और न ही अतीत की सरकारों के साथ उनकी तुलना की।"
मोदी ने 'सेलेक्टेड स्पीचेज ऑफ प्रेसिडेंट-वॉल्यूम 4' नामक पुस्तक का राष्ट्रपति भवन में विमोचन किया और पुस्तक की पहली प्रति राष्ट्रपति को भेंट की। प्रधानमंत्री ने कहा, "उन्होंने हमेशा फैसलों को मौजूदा संदर्भ तथा मौजूदा यथार्थ में देखा।" मोदी ने कहा कि हालांकि वह और राष्ट्रपति दोनों ही बिल्कुल अलग राजनीतिक पृष्ठभूमि से आए हैं और दोनों ही अलग-अलग विचारधाराओं के बीच पले-बढ़े हैं, लेकिन 'प्रणब दा ने मुझे कभी इसका अहसास नहीं होने दिया।'
मोदी ने कहा कि अभिभावक तथा पितातुल्य मुखर्जी के दिशा-निर्देश के कारण वह केंद्र में सरकार के बुनियादी तथ्यों को सीख सके। प्रधानमंत्री ने कहा, "मैं नया था और इस (केंद्र) स्तर पर मुझे कोई अनुभव नहीं था। लेकिन उनके (प्रणब मुखर्जी) दिशानिर्देश के माध्यम से हम कई चीजें कर सके, जिसे हमने किया।" उन्होंने कहा कि प्रणब मुखर्जी के साथ उनकी हर मुलाकात उनके जीवन में मार्गदर्शक की तरह काम करेगा।