नयी दिल्ली: केन्द्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने शुक्रवार को कहा कि पराली का जलना बंद हो गया है लेकिन दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति अब भी गंभीर है। साथ ही उन्होंने दिल्ली में अरविंद केजरीवाल सरकार से सीपीसीबी द्वारा भेजी गई शिकायतों पर तुरंत कार्रवाई करने की भी अपील की। मंत्री ने कहा कि बायोमास और कचरा जलाने, अनुचित अपशिष्ट निपटान, निर्माण नियमों नियमों का उल्लंघन, कच्ची सड़कों और धूल संबंधी कई शिकायतें मिली हैं, जिनसे प्रदूषण बढ़ता है।
जावड़ेकर ने एक संदेश में कहा कि शीर्ष प्रदूषण निगरानी निकाय ‘केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड’ (सीपीसीबी) ने दिल्ली सरकार को दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में प्रदूषण फैलाने वाली गतिविधियों के बारे में शिकायतों पर त्वरित एवं कड़ी कार्रवाई करने के लिए एक नोटिस भी जारी किया है। जावड़ेकर ने कहा, ‘‘ दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति गंभीर है। पराली जलाना बंद हो गया है, लेकिन दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) अब भी ‘बहुत खराब’ श्रेणी में है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ सीपीसीबी की 50 टीमें हर दिन दिल्ली और एनसीआर का निरीक्षण करती हैं और संबंधित एजेंसियों को शिकायतें भेजती हैं और अवलोकन प्रस्तुत करती हैं। अभी कुछ काम हए हैं और कुछ काम बाकी हैं। इसलिए, सीपीसीबी ने दिल्ली सरकार को नोटिस जारी कर भेजी गईं शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई करने को कहा है।’’ जावड़ेकर ने कहा, ‘‘ दिल्ली सरकार और सभी संबंधित एजेंसियों को अब त्वरित कार्रवाई करनी चाहिए क्योंकि पराली जलाना अब बंद हो गया है।’’ सीपीसीबी ने दिल्ली सरकार को एक नोटिस जारी कर टायर ‘पायरोलिसिस’, टायर और अन्य कचरे को जलाने से होने वाले प्रदूषण को लेकर कड़ी कार्रवाई करने को कहा है।