ना लोगों की कही सुनो, ना लोगों की राय को दिल से लगाओ क्योंकि जब वक्त बदलेगा तो लोगों की राय भी बदल जाएगी, जी हां ऐसा ही कुछ हुआ है विश्व सुंदरता के पटल पर 17 साल का सूखा दूर करने वाली देश की गौरव मानुषी छिल्लर के साथ। जैसे ही साधारण सी दिखने वाली हरियाणा की मानुषी छिल्लर के सिर पर विश्व सुंदरी का ताज सजा वैसे ही आलोचना करने वालों का मुंह भी खुल गया। मानुषी की सफलता को लोगों ने कॉस्मेटिक इंड्रस्टी की मार्केटिंग स्ट्रेटजी तक बता दिया, मानुषी के बारे में जानकारी 4-G की स्पीड से भी तेज निकाली जाने लगी, कुछ ही घंटों में लोगों ने मानुषी छिल्लर के भूत, भविष्य और वर्तमान की व्याख्या कर डाली, कुछ ही घंटों में मानुषी के वीडियो और फोटोज सोशल मीडिया में वायरल होने लगे। वायरल हो रहे वीडियो में मानुषी ने कॉलेज ड्रेस पहन रखी है और वो कह रही हैं कि दोस्तों, मेरा नाम मानुषी है और मैं बीपीएस गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज (सोनीपत) में फर्स्ट ईयर एमबीबीएस की स्टूडेंट हूं। मैंने यहां ऑल इंडिया की सीट सिक्योर की है।
इस वीडियो को देखकर कहा जाने लगा कि इस तरह साधारण सी दिखने वाली लड़की अगर मिस वर्ल्ड बन सकती है तो कोई भी लड़की मिस वर्ल्ड बन सकती है। सही कहा गया मगर गलत तरीके से आकलन किया गया। ये नहीं सोचा गया कि जो लड़की दो साल पहले आम थी वो खास कैसे बन गई।
…और इस तरह मिस हरियाणा से मिस इंडिया और फिर मिस वर्ल्ड बन गईं मानुषी
आइए अब आपको बताते हैं साधारण सी दिखने वाली मानुषी क्यों साधारण नहीं हैं। मानुषी यूं ही मिस वर्ल्ड नहीं बनी हैं इसके पीछे है कड़ी मेहनत और त्याग और सही ग्रूमिंग, जिसके बिना कोई भी खिताब जीतना आसान नहीं है। मानुषी ने दुनियाभर की 117 कंटेस्टेंट को पछाड़कर ये ताज अपने नाम किया हैं और बता दें कि मानुषी सिर्फ 20 साल की हैं और मिस वर्ल्ड जीतने वाली वो छठीं भारतीय महिला हैं। मिस वर्ल्ड बनने का ख्वाब मानुषी ने बचपन से देखा था, जिसको पूरा करने के लिए मानुषी ने ना दिन देखा ना रात। सिर्फ अपने लक्ष्य पर फोकस किया और ब्यूटी पेजेंट्स की तैयारी के साथ-साथ पढ़ाई, सोशल एक्टिविटीज के बीच बेहतरीन संतुलन बनाया। उन्होंने अपने सपने को पूरा करने के लिए ना पढ़ाई छोड़ी ना सामाजिक काम और इस तरह मिस हरियाणा से मिस इंडिया और फिर मिस वर्ल्ड तक की सफल सीढ़िया चढ़ती गई।
मानुषी छिल्लर के पिता मित्रबसु पेशे से साइंटिस्ट हैं और मां नीलम दिल्ली के इबहास में डिपार्टमेंट ऑफ न्यूरोकैमिस्ट्री की हेड हैं और मानुषी खुद मेडिकल की पढ़ाई कर रही थी। मानुषी सोनीपत के भगत फूल सिंह गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज फॉर वूमेन की स्टू़डेंट रही हैं और कार्डिएक सर्जन बनना चाहती हैं। मानुषी हरियाणा से आती हैं जो राज्य लड़की की कम जनसंख्या और पहचान के लिए जाना जाता रहा है। पढ़ाई के साथ– साथ मानुषी एक ट्रेंड कुचिपुड़ी डांसर भी हैं। उन्होंने राजा और राधा रेड्डी जैसे नामचीन गुरुओं से शिक्षा ली है और उन्हें कविता का भी शौक है। इतना ही नहीं मानुषी की प्रतिभा के कई और पायदान भी हैं मानुषी सोशल वर्क से भी जुड़ी रही हैं। उन्होंने महिलाओं की माहवारी के दौरान हाइजीन से संबंधित एक कैंपेन में करीब 5000 महिलाओं को जागरूक किया है। यहीं नहीं वो नेशनल स्कूल ऑफ़ ड्रामा का भी हिस्सा रह चुकी हैं और साथ ही साथ खाली वक्त में तैराकी और पेंटिंग करती हैं। उनके टेलैंट के बारे में बात की जाए तो शब्द कम पड़ जाएंगें।
मानुषी फर्राटेदार इंग्लिश बोलती हैं। 12वीं क्लास में ऑल इंडिया सीबीएसई टॉपर रह चुकी हैं, मिस इंडिया के अलावा मानुषी ने मिस फोटोजेनिक का अवॉर्ड भी अपने नाम किया है। वहीं अगर खेल के मामले में इन्हें खतरों का खिलाड़ी कहा जाए तो गलत नहीं होगा क्योंकि मानुषी को पैराग्लाइडिंग और बंजी जम्पिंग जैसे आउटडोर स्पोर्ट्स पसंद हैं खासकर
दुनिया जीतकर उन तमाम लड़कियों के भी सपनों को नई उड़ान दी
मानुषी सुंदरता के साथ बेहतरीन समझ की भी धनी है चाहें वो मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता में पूछा गया सवाल का जवाब हो या फिर शशि थरूर के बनाए मजाक पर दिया गया जवाब। मानुषी ने हर बार अपनी समझदारी का परिचय दिया। मानुषी ने भारत आने पर उन सबको भी करारा जवाब दिया जिन्होंने उनकी सुंदरता पर सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा मेरा मानना है कि इस स्पर्धा में एक खूबसूरत चेहरा नहीं बल्कि एक खूबसूरत दिल तलाशा जाता है जो कि उन सभी खूबसूरत चेहरों का प्रतिनिधित्व कर सके और इसके लिए यह मायने नहीं रखता कि आप विश्व के किस देश से हैं बल्कि यह बात उस एक व्यक्ति की है जो कि विश्व में अपना योगदान देकर कुछ बदलाव ला सकें। इस जवाब के साथ ही जो लोग कहते हैं कि ये खिताब पाना मार्केटिंग स्ट्रेटजी है उन्हें भी जवाब मिल गया होगा।
मेरा मानना है कि मानुषी ब्यूटी विद ब्रेन का बेहतरीन उदाहरण हैं। एक छोटे से शहर से आकर साधारण सी दिखने वाली इस लड़की ने दुनिया जीतकर उन तमाम लड़कियों के भी सपनों को नई उड़ान दी है जो ऐसे ख्वाब अपने अंदर संजोए हुए हैं। मानुषी की तरह हर लड़की को ये सोचे बिना की लोग क्या कहेंगे ? इस बात की परवाह किए बगैर अपने सपनों को पंख देने चाहिए क्योंकि कुछ तो लोग कहेंगे, लोगों का काम है कहना।
(ब्लॉग लेखिका प्रगति सिंह देश के नंबर वन चैनल इंडिया टीवी में कार्यरत हैं)