नई दिल्ली: महाराष्ट्र चुनाव से पहले प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एनसीपी की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। ईडी ने कल एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल से 12 घंटे की मैराथन पूछताछ की। कल देर रात जब प्रफुल्ल पटेल ईडी के सवालों के वार झेलकर बाहर निकले तो उनके पास मीडिया के सवालों के जवाब देने की हिम्मत नहीं बची थी। बता दें कि प्रफुल्ल पटेल को पूछताछ के लिए सुबह 11 बजे ईडी के दफ्तर पहुंचना था लेकिन वो सुबह 10.21 बजे ही ईडी दफ्तर पहुंच गए थे। करीब 12 घंटे बाद रात 10.26 मिनट पर वो ईडी दफ्तर से बाहर निकले।
धनशोधन की यह जांच अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहीम के सहायक इकबाल मिर्ची की कथित गैर कानूनी संपति से जुड़ी है। ईडी के एक अधिकारी ने शुक्रवार रात को दावा किया कि पटेल ने जांच में सहयोग नहीं दिया। यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें शनिवार को दोबारा बुलाया जाएगा इस पर अधिकारी ने कोई टिप्पणी नहीं की। हालांकि उन्होंने बताया कि पटेल और रियल एस्टेट समूह एचडीआईएल के बीच कथित संबंधों को लेकर उनका भविष्य में एचडीआईएल के राकेश वधावन से आमना-सामना कराया जा सकता है।
उन्होंने बताया कि शुक्रवार को पूछताछ के दौरान पटेल से करीब 50 सवाल पूछे गए। ईडी ने प्रफुल्ल पटेल से उनकी कंपनी मिेलेनियम डेवलपर्स और इकबाल मिर्ची के संबधों के बारे में, आसिफ इकबाल को ट्रांसफर की गई प्रॉपर्टी के बारे में और मिलेनियम डेवलपर्स और इकबाल मिर्ची के बीच लैंड डील में रंजीत बिंद्रा की भूमिका के बारे में सवाल किया। ईडी ने पूछा कि 2006-07 में नागरिक उड्डयन मंत्री रहते हुए मोस्ट वांटेड ड्रग तस्कर इकबाल मिर्ची के साथ लैंड डील पर साइन क्यों किया?
बताया जा रहा है कि जरूरत पड़ी तो ईडी रंजीत बिंद्रा और प्रफुल्ल पटेल का आमना सामना भी करवा सकती है। हालांकि अभी एचडीआईएल और उड्डयन मामले में प्रफुल्ल पटेल से पूछताछ बाकी है। खबर है कि ईडी जल्द ही एचडीआईएल मामले में भी प्रफुल्ल पटेल का राकेश वधावन से आमना-सामना करा सकती है। इधर प्रफुल्ल पटेल से ईडी की पूछताछ कांग्रेस को पसंद नहीं आ रही है। कांग्रेस इसे राजनीतक बदले से प्रेरित कार्रवाई बता रही है।
ईडी का आरोप है कि प्रफुल्ल पटेल के परिवार की कंपनी मिलेनियम डेवलपर्स और मुंबई धमाकों का आरोपी इकबाल मिर्ची के बीच लैंड डील हुई थी। हालांकि पटेल परिवार इससे इंकार करते रहे हैं। पटेल और उनकी पार्टी ने सौदे में कुछ भी गलत किए जाने से इंकार करते हुए कहा है कि संपत्ति के दस्तावेज बताते हैं कि लेन-देन पूरी तरह साफ सुथरा और पारदर्शी है। हाल ही में पटेल ने संवाददाताओं से बातचीत के दौरान अपने कथित सौदे की खबरों को कोरी अटकलें बताकर खारिज कर दिया था।