नई दिल्ली: राज्यसभा में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने नागरिकता संशोधन बिल का विरोध किया। एनसीपी सांसद प्रफुल्ल पटेल ने नागरिकता संशोधन बिल पर चर्चा के दौरान कहा कि “अगर सरकार के पास समय है, सदन की भावना को अगर ध्यान में रखकर बिल पर फिर से विचार किया जाए और एक सेलेक्ट कमेटी की ओर भेजा जाए तो यह बहुत अच्छी बात होगी।” उन्होंने कहा कि “हम इस बिल के समर्थन में बिलकुल नहीं हैं। इस बिल का सदन के लोगों को सामुहिक विरोध करना चाहिए, मैं आग्रह करता हूं।”
उन्होंने कहा कि “सबसे पहली बात तो यही है कि इसे बहुत जल्दबाजी में लाया जा रहा है। जिस तरह से अखबारों में हम पढ़ रहे हैं, पूरे देश का वातावरण जिस तरह से हमें नजर आ रहा है। असम और नॉर्थ ईस्ट में जो कुछ भी घटनाएं हो रही हैं, उससे यह सवाल उठा रहा है कि इतने गंभीर बिल को लाने से पहले थोड़ी और चर्चा होनी चाहिए थी, बिल को सलेक्ट कमेटी की ओर भेजा जाए। लेकिन, इसे लेकर सरकार की आपत्ति अभी भी समझ में नहीं आती।”
वहीं, बिल पर चर्चा के दौरान कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा कि कांग्रेस इस बिल का विरोध राजनीतिक आधार पर नहीं बल्कि संवैधानिक आधार पर कर रही है। शर्मा ने बिल को पेश करने के लिए नरेंद्र मोदी सरकार पर जल्दबाजी का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि वक्त बताएगा कि इतिहास इस कानून को किस प्रकार से देखता है। आनंद शर्मा ने बिल का विरोध करते हुए कहा कि नागरिकता कानून में इससे पहले भी 9 बार बदलाव हो चुके हैं, लेकिन इसमें धर्म के आधार पर नागरिकों में कोई अंतर नहीं किया गया।"
शर्मा ने कहा कि "युगांडा से लेकर दूसरे देशों के शरणर्थियों को भारत ने मानवता के आधार पर अपनाया है। भारत ने धर्म के आधार पर किसी को भी नागरिकता नहीं दी है।"