नई दिल्ली: प्रद्युम्न मर्डर केस में जमानत पर रिहा हुए कंडक्टर अशोक ने हरियाणा पुलिस पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। अशोक ने साफ-साफ कहा कि पुलिस रिमांड के दौरान उसे थर्ड डिग्री टॉर्चर दिया गया, उल्टा लटकाकर पीटा गया, इलेक्ट्रिक शॉक दिया गया और ये सब उसके साथ इसलिए हुआ कि वो प्रद्युम्न के मर्डर करने की बात कबूल कर ले। कंडक्टर अशोक कल शाम ही बेल पर रिहा होकर अपने घर पहुंचा है।
रिहाई के बाद अशोक का बयान
- मीडिया वालों का शुक्रिया अदा करना चाहता हूं
- मैं अपने बच्चों के पास आ गया, भगवान का शुक्रिया
- पुलिस ने मेरे साथ मारपीट और टॉर्चर किया
- पुलिस की पिटाई से बेहद दर्द हो रहा है
बता दें कि प्रद्युम्न के पिता वरुण ठाकुर की मांग पर मामले की जांच अब सीबीआई कर रही है। सीबीआई ने अशोक के खिलाफ कोई सबूत ना होने की बात कही थी और हरियाणा पुलिस पर सबूत नष्ट करने का आरोप लगाया था। साथ ही इस मामले में स्कूल के ग्यारहवीं के छात्र को गिरफ्तार किया गया है।
अशोक की पत्नी का आरोप
- मैडम के कहने पर मेरे पति ने बच्चे की मदद की थी
- पता नहीं था कि मेरे पति को लोग इस तरह फंसा देंगे
- पुलिसवालों ने मेरे पति के साथ मारपीट की, टॉर्चर किया
- मेरे पति को उल्टा लटकाकर नशे की सुई लगाकर कबूल करवाया
दो महीने से ज्यादा समय तक भोंडसी जेल में क़ैद अशोक को कल गुरूग्राम की ज़िला अदालत ने ज़मानत दी थी। अदालत ने अशोक को पचास हज़ार के बॉन्ड पर ज़मानत दी है। जेल से छूटने के बाद अशोक ने भगवान और मीडिया का धन्यवाद किया और कहा कि सच्चाई की जीत हुई है।
'इलेक्ट्रिक शॉक' से कबूलनामा?
रिपोर्टर: बताएंगे कैसे कैसे आपको फंसाया..आपको परेशान किया गया..आपके साथ मारपीट की गई..बोलिए आप जो कहना चाहते हैं बोलिए अपने मन से
कंडक्टर अशोक: बस शुक्रिया अदा करना चाहता हूं..आपका, मीडिया वालों का..भगवान मैं अपने बच्चों के पास आ गया
रिपोर्टर: आपके साथ पुलिस ने मारपीट की है?
कंडक्टर अशोक: दर्द हो रहा है बहुत ज्यादा
रिपोर्टर: डॉक्टर को बुला दो
रिपोर्टर: आपको डॉक्टर की जरूरत है ?
कंडक्टर अशोक: हां
रिपोर्टर: आपने अपने परिवार से शेयर नहीं किया जब....थोड़ा स्टोरी बताइए कैसे कैसे आपको फंसाया गया
सोहना के पास स्थित कुमार के गांव घमरोज के प्रमुख लोग सुबह से भोडसी जेल के बाहर मौजूद थे, और उन्होंने अशोक के बाहर निकलने के बाद उसका स्वागत किया। उल्लेखनीय है कि 42 वर्षीय कुमार को ठीक उसी दिन गिरफ्तार कर लिया गया था, जिस दिन सात वर्षीय प्रद्युम्न का शव स्कूल के बाथरूम में पाया गया था। उसका गला रेता हुआ था।