नयी दिल्ली: दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में दीपावली के एक दिन बाद बृहस्पतिवार की सुबह आसमान में घना कोहरा रहा और अनेक लोगों ने पटाखे जलाने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित समयसीमा के उल्लंघन पर अपने आप को असहाय प्रकट किया। दिल्ली में बृहस्पतिवार सुबह इस साल की सबसे घटिया वायु गुणवत्ता रही। वायु गुणवत्ता सूचकांक 574 रहा जो अत्यंत गंभीर आपात श्रेणी के अंतर्गत आता है। इसका तात्पर्य है कि ऐसी हवा में लंबे समय तक रहने से व्यक्ति को सांस संबंधी परेशानी हो सकती है।
मयूर विहार के वरिष्ठ नागरिक हसमुख राय ने कहा, ‘‘दिल्ली मुझ जैसे टीबी मरीजों के लिए गैस चैम्बर है। हम विकट स्थिति में फंस गये हैं। यदि हम टीबी से जान बचाते हैं तो हम प्रदूषण से मरेंगे।’’ उन्होंने सवाल किया , ‘‘इस सीजन में जब लोग विभिन्न मुद्दों पर अध्यादेश लाने की बात कर रहे हैं, क्यों नहीं नेता पराली जलाने पर रोक लगाने के लिए अध्यादेश लाने के विषय पर साथ आते?’’
दक्षिणी दिल्ली की सागरिका शर्मा ने कहा कि पिछले साल वह अपनी मां को खतरनाक प्रदूषण के चलते ही गंवा बैठीं। उन्होंने कहा, ‘‘मेरी मां बीड़ी-सिगरेट या शराब नहीं पीती थीं, लेकिन हां, दिल्ली में रहना ही उनकी गलती थी।’’ उन्होंने हैरानी प्रकट की कि कैसे लोग पटाखे जलाने के दुष्परिणाम नहीं समझ पाते। उन्होंने कहा, ‘‘मैं समझती हूं कि वे अपनी कब्र खोदने की कीमत पर खुशियां मनाना चाहते हैं।’’ पुलिस ने कार्रवाई की, कई जगह गिरफ्तारियां भी कीं लेकिन कई लोग कहते हैं कि उनके लिए दीपावली का मतलब पटाखे जलाना है।
गुड़गांव के दिवासी हिमांशु भल्ला ने कहा, ‘‘बचपन से ही, हम दीपावली पर पटाखे छोड़ते आ रहे हैं। हम हरित या लाल पटाखे नहीं समझते। हमें जो पता है, वह है हमारे लिए यह उत्सव का प्रतीक है और हम यह करते रहेंगे।’’ लाजपत नगर की एक निवासी ने कहा कि शीर्ष अदालत का फैसला देर से आया और वह इसके चलते त्योहार को यूं ही नहीं जाने दे सकतीं। पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने कहा कि इस पाबंदी को कड़ाई से लागू करने के लिए पुलिस को सरकारों द्वारा सहयोग किया जाना चाहिए था।
‘केयर फोर एयर’ की सह संस्थापक ज्योति पांडे लावकरे ने कहा, ‘‘न्यायपालिका ने हमारी कार्यपालिका को जरूरी अधिकार दिये हैं। हम नागरिकों की रक्षा के लिए अपने निर्वाचित प्रतिनिधियों से अपनी कार्यपालिका का सहयोग करने तथा लोकतंत्र के तीनों अंगों से मिलकर काम करने का अनुरोध करते हैं।’’
दिल्ली में धूल प्रदूषण कम करने के लिए पानी का छिड़काव होगा दिल्ली
सरकार के लोक निर्माण विभाग ने बृहस्पतिवार को कई इलाकों में पानी छिड़कने का अभियान चलाया ताकि प्रदूषण रोकने के प्रयासों के तहत, धूल के कणों को उड़ने से रोका जा सके। यह उपाय तब किया जा रहा है जब दीपावली के अगले दिन राजधानी में हवा की गुणवत्ता काफी खराब दर्ज की गयी। एक अधिकारी के अनुसार, विभाग के कर्मियों ने आईटीओ, रोहिणी, द्वारका, रिंग रोड और राष्ट्रीय राजधानी के अन्य इलाकों में पानी छिड़का। उन्होंने बताया कि अगले कुछ दिन तक पानी का छिड़काव चलता रहेगा।