नई दिल्ली: भारत सरकार के संस्कृति मंत्री महेश शर्मा को पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम का बंगला रहने के लिए आवंटित किया जाना विवाद का विषय बन गया है। एक विवादित बयान के बाद शर्मा को कलाम का पूर्व आवास 10 राजा जी मार्ग आवंटन किया जाना हर किसी के गले नहीं उतर रहा है। आपको बता दें कि शर्मा ने कुछ दिनों पहले यह बयान देकर हंगामा मचा दिया था कि कलाम मुस्लिम होने के बावजूद राष्ट्रभक्त थे। शर्मा के इस बयान के बाद AIMIM के चीफ असद्दुदीन ओवैसी ने उनकी बर्खास्तगी की मांग भी कर दी थी। आज हम अपनी खबर में ऐसे ही कुछ ऐसे ही नेताओं के बारे में बताएंगे जो सरकारी आवास के आवंटन या उसके संबंध में विवादों से घिरे रहे।
अजित सिंह-
पूर्व केंद्रीय मंत्री अजीत सिंह 12 तुगलक रोड स्थित सरकारी बंगले को खाली नहीं कर रहे थे। वो उस पर कब्जा किए हुए थे और लगातार मांग कर रहे थे कि इस बंगले को उनके पिता चरण सिंह के स्मारक में बदल दिया जाए। सिंह ने अपनी दलील पर तर्क देते हुए कहा था कि लाल बहादुर शास्त्री के नाम पर स्मारक है, जिस बंगले में बाबू जगजीवन राम रहा करते थे उसे भी उनके स्मारक में बदल दिया गया है। कांशी राम के नाम पर भी एक स्मारक बना है। ऐसे में उनकी मांग पर हर्ज क्या है। वहीं भाजपा सरकार का कहना था कि केन्द्रीय मंत्रिमंडल साल 2000 में मंत्रियों के सरकारी बंगलों को स्मारक में बदलने से रोकने को एक प्रस्ताव मंजूर कर चुका है, इसलिए ऐसा नहीं किया जा सकता है। आपको बता दें कि लोकसभा चुनाव में हार के बाद रालोद नेता अजीत सिंह को घर खाली करने के लिए एक नोटिस भेजा गया था। तय समय के बाद भी घर खाली न करने पर उनके घर की बिजली भी काट दी गई थी। भारी विवाद के बाद ही वो घर छोड़ने को राजी हुए थे।
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