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पुलिस परीक्षा भर्ती फर्जीवाड़ा: एसटीएफ ने मथुरा, आगरा और लखनऊ से नौ लोगों को दबोचा

आगरा, मथुरा और लखनऊ से नौ लोगों की गिरफ्तारी के साथ उत्तर प्रदेश पुलिस के विशेष कार्य दल (एसटीएफ) ने रविवार को तीन गिरोहों का भंडाफोड़ कर दिया जो पुलिस कांस्टेबल के लिए भर्ती परीक्षा में परीक्षार्थियों की कथित तौर पर मदद कर रहे थे।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: January 27, 2019 23:34 IST
Police recruitment exam fraud: 9 held by STF from Mathura, Agra and Lucknow- India TV Hindi
Police recruitment exam fraud: 9 held by STF from Mathura, Agra and Lucknow

लखनऊ/नोएडा: आगरा, मथुरा और लखनऊ से नौ लोगों की गिरफ्तारी के साथ उत्तर प्रदेश पुलिस के विशेष कार्य दल (एसटीएफ) ने रविवार को तीन गिरोहों का भंडाफोड़ कर दिया जो पुलिस कांस्टेबल के लिए भर्ती परीक्षा में परीक्षार्थियों की कथित तौर पर मदद कर रहे थे। अधिकारियों ने बताया कि इन गिरोहों ने फर्जी अभ्यर्थी मुहैया कराए जिन्होंने उत्तर प्रदेश पुलिस और पीएसी उम्मीदवारों के लिए 2018 की ऑफलाइन भर्ती परीक्षा लिखी। इनमें से एक गिरोह ब्लूटूथ ईयरफोन और वेब कैमरा जैसे गैजेट का इस्तेमाल कर रहा था। एसटीएफ ने यहां जारी एक बयान में कहा कि ये लिखित परीक्षा में पास कराके भर्ती कराने के नाम पर उम्मीदवारों से पांच लाख से 12 लाख रुपये लेते थे। 

इसमें बताया गया कि अनुचित माध्यमों का इस्तेमाल कर कांस्टेबल भर्ती परीक्षा के उम्मीदवारों की कथित तौर पर मदद करने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ हुआ और आगरा में उसके सदस्यों को गिरफ्तार किया गया। मथुरा के शिवकुमार, भुवनेश तथा कानपुर देहात के सत्यम कटियार को गिरफ्तार किया गया है। इनके पास से दो फर्जी एडमिट कार्ड के साथ नकद धनराशि भी बरामद हुई है। एसटीएफ ने कहा कि पूछताछ में उन लोगों ने बताया कि फर्जी दस्तावेज तैयार करने के लिए लोगों से छह से आठ लाख रूपये लेते हैं। इस बीच, पश्चिमी यूपी एसटीएफ ने उत्तर प्रदेश पुलिस में भर्ती के लिए चल रही लिखित परीक्षा में हिस्सा लेने जा रहे एक फर्जी परीक्षार्थी और नकल कराने वाले गिरोह के सरगना सहित तीन लोगों को मथुरा जिले के थाना एक्सप्रेस वे से गिरफ्तार किया है। 

पश्चिम यूपी एसटीएफ के एसपी दिनेश कुमार सिंह ने बताया कि गुप्त सूचना के आधार पर 27 जनवरी को यूपी एसटीएफ की नोएडा इकाई ने कार्रवाई की। एसटीएफ ने बताया कि पवन सिंह और उसके साथी जीवन सिंह और राजकुमार सिंह को गिरफ्तार किया गया। ये सभी अलीगढ़ जिले के हैं। एसटीएफ के एक अधिकारी ने बताया, ‘‘इनके पास से चार सिम कार्ड आधारित इलेक्ट्रॉनिक संचार उपकरण, 22 ब्लूटूथ ईयरफोन, एक वेब कैमरा, मार्कशीट्स और 11 उम्मीदवारों के एडमिट कार्ड और 15,000 रुपये बरामद किए गए।’’ अधिकारी ने बताया कि इनके द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली एक एसयूवी भी जब्त की गई है। 

एसटीएफ ने कहा, ‘‘परीक्षा में बैठने वाले उम्मीदवार अपने ताबीजों में लगे उपकरणों के जरिए सवालों को पढ़ते थे जो परीक्षा केंद्रों के बाहर बैठे उनके गिरोह के सदस्यों के पास जाते थे जो उन्हें सही जवाब बताते थे।’’ अधिकारियों ने बताया कि तीसरे गिरोह का पर्दाफाश लखनऊ में किया गया। एसटीएफ ने बताया कि लखनऊ निवासी निशांत प्रभाकर, संतोष तिवारी और बिहार के नालंदा के रहने वाले संतोष पासवान को गिरफ्तार किया गया। एसटीएफ ने एक बयान में कहा, ‘‘वे एडमिट कार्ड में छेड़छाड़ करके फर्जी उम्मीदवारों को भेजते थे और उम्मीदवारों से छह से 12 लाख रुपये लेते थे।’’ एजेंसी ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है और उनसे पूछताछ चल रही है ताकि ऐसे परीक्षा फर्जीवाडे का पता लगाने में मदद मिल सके।

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