मंदसौर: मंदसौर में 26 जून को आठ वर्षीय स्कूली छात्रा का अपहरण कर उसके साथ बलात्कार करने के मामले में मध्यप्रदेश पुलिस की विशेष जांच दल (एसआईटी) ने आज स्थानीय अदालत में दोनों आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र पेश कर दिया है। घटना के एक पखवाड़े के अंदर पेश किये गये इस आरोप पत्र में 350 पृष्ठ हैं और प्रमाण के लिए लगभग 100 दस्तावेज लगाए गए हैं। इसे अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश निशा गुप्ता की अदालत में पेश किया गया है। इसमें डॉक्टरों सहित 92 गवाहों के बयान भी दिये गये हैं। इसके अलावा, इस आरोप पत्र के साथ अदालत में 50 अन्य सामान भी पेश किये गए हैं, जिनमें आरोपियों इरफान (20) एवं आसिफ (24) द्वारा बच्ची को जान से मारने की नीयत से उस पर हमला करने वाले चाकू एवं कपड़े शामिल हैं।
इन दोनों आरोपियों को उनके खिलाफ आरोप पत्र पेश करने के बारे में वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये जेल में ही बता दिया गया है। दोनों आरोपी मंदसौर की जेल में हैं और सुरक्षा कारणों से उन्हें जेल में पेश नहीं किया गया, क्योंकि घटना के बाद स्थानीय लोगों में उनके खिलाफ बहुत आक्रोश है। लोक अभियोजन बी एस ठाकुर को बताया कि दोनों आरोपियों पर भादंवि की धारा 376-डी (सामूहिक बलात्कार), 376 (2एन), 366 (अपहरण), 363 (अपहरण के दण्ड) एवं पॉक्सो एक्ट से संबधित धाराओं के तहत आरोप पत्र दाखिल किया गया है। उन्होंने कहा कि मंदसौर में इस आठ वर्षीय बच्ची को 26 जून की शाम कथित तौर पर लड्डू खिलाने का लालच देकर उस वक्त अगवा कर लिया गया, जब वह स्कूल की छुट्टी के बाद पैदल अपने घर जा रही थी।
सामूहिक बलात्कार के बाद कक्षा तीन की इस छात्रा को जान से मारने की नीयत से उस पर चाकू से हमला भी किया गया था। वह 27 जून की सुबह शहर के बस स्टैंड के पास झाड़ियों में लहूलुहान मिली थी। मामले में पुलिस ने इरफान एवं आसिफ को गिरफ्तार किया था। ठाकुर ने बताया, ‘‘हम पूरी कोशिश करेंगे की इस मामले की सुनवाई एक महीने में पूरा हो जाये।’’ इसी बीच, मंदसौर के पुलिस अधीक्षक मनोज सिंह ने बताया, ‘‘आरोप पत्र पेश करने के साथ ही इस मामले की हर रोज सुनवाई करने के लिए रास्ता साफ हो गया है।’’ पीड़ित बच्ची मंदसौर से करीब 200 किलोमीटर दूर इंदौर के शासकीय महाराजा यशवंतराव चिकित्सालय (एमवायएच) में 27 जून की रात से भर्ती है और अब उसकी शारीरिक सेहत में काफी सुधार हो चुका है और वह मानसिक रूप से भी स्थिर है।