नई दिल्ली: ज़िन्दगी में परिवार के सपनों को उड़ान देना हर किसी के बस की बात नहीं है, लेकिन कुछ ऐसे लोग भी है जो लोहे की तरह तप कर अपनों की हर ख़वाहिशें पूरी करते हैं। यह कहानी किसी फिल्म के किरदार की नहीं बल्कि एक IAS अधिकारी डा. पंकज कुमार पाण्डये की है जिन्होंने अपनी माँ के सपनो को IAS बन कर कर उड़ान दी। पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की कर्म भूमि इलाहाबाद की मिटटी में पैदा हुए डा. पंकज कुमार पाण्डेय की इस कामयाबी की कहानी सचमुच फ़िल्मी है, कि कैसे इलाहाबाद का यह 'छोरा' IAS बन गया।
अब यह IAS अधिकारी डा. पंकज कुमार पाण्डेय उत्तराखंड के सबसे बड़े ज़िलों में शुमार ऊधम सिंह नगर ज़िले में जिलाधिकारी के पद पर तैनात है। लेकिन इनकी कामयाबी का यह सफर काफी मर्मस्पर्शी है। जिसे सुनकर आपकी आँखे नम हुए बिना नहीं रह पाएंगी।
पंकज कुमार पाण्डेय के पिता श्री बलभद्र पाण्डेय पुलिस में सिपाही के पद पर कार्यरत थे। सब कुछ ठीक ठाक चल रहा था। लेकिन 1985 में अचानक उनका निधन हो गया। उस वक़्त पंकज कुमार पाण्डेय सिर्फ 9 साल के थे। परिवार पर अचानक आई इस विपत्ति पर उनकी माँ श्रीमती कुसुम पाण्डेय ने अपना हौसला नहीं खोया। ग्रहणी होते हुए भी उन्होंने अपने पति के निधन के बाद आश्रित के रूप में मिली नौकरी को स्वीकार कर खाकी वर्दी पहन ली।