फरीदाबाद। हरियाणा पुलिस की डीसीपी विक्रम कपूर की आत्म हत्या के मामले में पुलिस ने निलंबित इंस्पेक्टर अब्दुल शहीद को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस जांच में सामने आया है कि इंस्पेक्टर अब्दुल न सिर्फ अपने भांजे को एक केस से निकलवाने के लिए उनपर दबाव बना रहा था, बल्कि एक अन्य मामले में अपनी महिला मित्र के पति के कम में कार्यवाही करने के लिए कह रहा था।
बुधवार 14 अगस्त के दिन डीसीपी विक्रम कपूर ने एनआईटी स्थित अपने सरकारी आवास पर सुबह करीब 5.45 बजे खुद को गोली मार ली थी। उन्होंने एक सुसाइड नोट छोड़ा था, जिसमें अब्दुल शहीद एसएचओ थाना भूपानी को अपनी आत्महत्या का जिम्मेदार ठहराते हुए लिखा था, “:आई एम डूइंग दिस डयु टू अब्दुल, इंस्पेक्टर अब्दुल शहीद वाज ब्लैकमेलीग, विक्रम”।
सुसाइड नोट व परिजनों की शिकायत के आधार पर अब्दुल शहीद और उसके पत्रकार मित्र सतीश को आत्महत्या करने के लिए मजबूर करने की धाराओं के अंतर्गत थाना सेक्टर 31में मुकदमा दर्ज किया गया था।
आपको बता दे कि एसआईटी ने आरोपित अब्दुल शहीद को गिरफ्तार कर कोर्ट मे पेश कर 4 दिन के पुलिस रिमांड पर लिया था। एसआईटी टीम ने बताया कि एसएचओ अब्दुल शहीद के भांजे का नाम थाना मुजेसर मे दर्ज हत्या के प्रयास के मुकदमे में शामिल था, जिसका नाम मुकदमा से निकालने के लिए निलंबित एसएचओ अब्दुल शहीद लगातार डीसीपी पर दबाव बना रहा था।
पूछताछ में गिरफ्तार आरोपी अब्दुल शहीद ने यह भी बताया कि उनकी एक महिला मित्र है जिसका अपने ससुर से प्रॉपर्टी को लेकर विवाद चल रहा है। प्रॉपर्टी विवाद की दरखास्त महिला मित्र के पति के द्वारा दी गई थी, जिसकी जांच डीसीपी विक्रम कपूर के क्षेत्राधिकार में आती थी। अब्दुल शहीद ये जांच अपनी महिला मित्र के हक में जांच करवाना चाह रहा था।
डीसीपी को दी थी झूठे केस में फंसाने और बदनाम करने की धमकी
आरोपित ने बताया कि उसने डीसीपी को बोला था कि अगर मेरे भांजे को बाहर नहीं किया और मेरी महिला मित्र की दरखास्त पर कार्यवाही नहीं की तो मैं अपनी महिला मित्र के साथ मिलकर तुझे झूठे केस में फंसा दूंगा। इतना ही नहीं अब्दुल शहीद ने अपने पत्रकार साथी सतीश से फरीदाबाद के अखबारों में डीसीपी विक्रम कपूर के खिलाफ बदनाम करने वाली खबरें भी छपवाने की धमकी दी थी।
पुलिस ने बताया कि आरोपी ने पूछताछ में कबूला है कि वह और उसका दोस्त सतीश पिछले 3 महीने से लगातार डीसीपी को परेशान कर रहे थे। पूछताछ पर आरोपी अब्दुल शहीद ने बताया कि कई बार वह डीसीपी की कोठी पर जाकर डीसीपी साहब को दोनों के केसो के संबंध में अपने मन मुताबिक कार्य करने के लिए बनाता था दबाब।
पुलिस के मुताबिक आरोपी अब्दुल शहीद व उसके आरोपित दोस्त सतीश पत्रकार से परेशान होकर डीसीपी ने खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। एफआईआर में नामजद व आरोपित अब्दुल शहीद के पत्रकार दोस्त सतीश की तलाश जारी है जिसको जल्द गिरफ्तार किया जाएगा।