अलीगढ़: शहर के चाचा नेहरू मदरसे में एक बड़ा हादसा होने से उस समय टल गया जब कक्षा आठ के एक छात्र ने अपने प्राचार्य को सूचना दी कि अज्ञात लोगों ने वाटर कूलर में सफेद पावडर मिलाया है, जो बाद में चूहे मारने वाली दवा निकली।
क्या है पूरा मामला?
शनिवार शाम अफजल नाम के इस छात्र ने देखा कि दो अज्ञात लोगों ने अपनी जेब से सफेद पावडर निकाला और उसे वाटर कूलर में मिला दिया। छात्र को यह घटना कुछ संदिग्ध लगी और उसने इसकी सूचना मदरसे के प्राचार्य को दी। पुलिस ने आज बताया कि जब असामाजिक तत्वों ने यह देखा कि बच्चे ने उन्हें यह काम करते देख लिया है तो उन्होंने पिस्तौल दिखाकर उस बच्चे को धमकी दी कि अगर उसने किसी को इसके बारे में बताया तो गोली मार देंगे, बाद में वह फरार हो गये।
घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस टीम मौके पर पहुंची तो उसने पाया कि जिस कागज से सफेद पावडर निकालकर पानी में डाला गया था वह पावडर चूहे मारने वाली दवा थी जिसके कुछ अवशेष वहां कागज में पाये गये।
इस मामले ने तूल तब पकड़ा जब मालूम हुआ कि यह मदरसा पूर्व उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी की पत्नी सलमा अंसारी के ट्रस्ट अल नूर एजूकेशन सोसाएटी द्वारा चलाया जाता है। सलमा अंसारी इस ट्रस्ट की चेयरपर्सन हैं।
यह मदरसा अलीगढ़ मुस्लिम विश्विद्यालय के पास बदरबाग इलाके में चलाया जाता है जहां करीब 3500 बच्चे पढ़ते हैं। इस बारे में जब सलमा अंसारी से बात की गयी तो उन्होंने कहा, मैं तो इस खबर को सुनकर स्तब्ध रह गयी कि मासूम बच्चों को नुकसान पहुंचाने का प्रयास किया गया। उन्होंने कहा कि शुक्र है कि एक बच्चे की बहादुरी की वजह से असामाजिक तत्व अपने मकसद में कामयाब नहीं हो पाये और एक बड़ा हादसा होने से टल गया।
मामले की जांच कर रहे जांच अधिकारी जावेद खान ने बताया कि वाटर कूलर के पानी के नमूने को फोरेंसिक जांच के लिये भेजा गया है। पुलिस अधीक्षक अतुल श्रीवास्तव ने बताया मामले की जांच की जा रही है।