मुंबई: देश की आर्थिक राजधानी की एक पीएमएलए अदालत ने यहां शनिवार को भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी और उसके मामा व व्यापारिक सहयोगी मेहुल चोकसी के खिलाफ 12,600 करोड़ रुपये के पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) घोटाले के मामले में गैरजमानती (एनबीडब्ल्यू) वारंट जारी किया है। लोक अभियोजक हितेन वेनेगांवकर ने बताया कि धनशोधन निवारण अधिनियम अदालत के न्यायाधीश एम. एस. आजमी ने गैरजमानती वारंट के तहत जारी किया है, जो मोदी और चोकसी के ठिकानों का पता लगाने और उनके प्रत्यर्पण के लिए है।
इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 27 फरवरी को पीएमएलए अदालत में दोनों के खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी करने की याचिका दायर की थी, क्योंकि आरोपियों ने 15, 17 और 23 फरवरी को एजेंसी के समक्ष हाजिर होने के सम्मन का कोई जवाब नहीं दिया था। इसके साथ ही, केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने नीरव मोदी को संदेश भेजकर भारत लौटकर जांच में सहयोग करने की गुजारिश की थी। लेकिन उसने विदेश में अपने व्यवसाय का हवाला देते हुए नकारात्मक जवाब दिया।
भारत सरकार ने पहले मोदी और चोकसी के पासपोर्ट को रद्द कर दिया है, साथ ही इंटरपोल से उनके खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी करने को कहा है। नीरव मोदी समूह की फ्लैगशिप कंपनी फायरस्टार डायमंड ने न्यूयार्क की अदालत में दिवालिया होने की याचिका दायर की है, जिसके बाद ऋणदाताओं को इस कंपनी से अपने कर्ज को वसूलने पर रोक लग गई है। इस कंपनी की कई देशों में शाखाएं हैं।