नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ED) आभूषण डिजायनर नीरव मोदी द्वारा की गई घोटाले की रकम का पता लगाने में जुटी है और एजेंसी ने पाया है कि इस रकम का कुछ हिस्सा अमेरिका के डेलावरे राज्य में भेजा गया है। ईडी के एक सूत्र ने बताया, "एजेंसी नीरव मोदी की डेलावरे स्थित कंपनियों की जांच कर रही है।"डेलावरे अमेरिका का एक कर-मुक्त राज्य है और यहां पूरे देश से बड़ी संख्या में कंपनियां आकर्षित होती है तथा यहां पंजीकरण कराती है। ईडी सूत्रों का कहना है कि जांचकर्ता यह पता लगा रहे हैं कि नीरव मोदी ने भारतीय बैंकों से ली गई घोटाले की रकम यहां तो नहीं भेजी थी, क्योंकि जांच के दौरान मिले दस्तावेजों से ऐसे संकेत मिले हैं। वे यह भी जांच रहे हैं कि अमेरिका में तो किसी शेल कंपनी का गठन नहीं किया गया था।
इससे पहले नीरव मोदी की अमेरिकी कंपनी फायरस्टार डायमंड इंक ने न्यूयार्क की अदालत में चैप्टर 11 के तहत दिवालिया होने की अर्जी दाखिल की है। साउथर्न डिस्ट्रिक ऑफ न्यूयार्क की सोमवार की कोर्ट फाइलिंग के मुताबिक, कंपनी ने अपनी परिसंपत्तियों और दायित्वों को 5 करोड़ डॉलर से 10 करोड़ डॉलर के सीमा में सूचीबद्ध किया है। दिवालिया संहिता के चैप्टर 11 के तहत कोई कंपनी दिवालिया होने की अर्जी देती है तो उसे अपने व्यापार को फिर से संगठित करने की अनुमति सामान्यत: प्रदान कर दी जाती है।
मोदी अपने सहयोगी मेहुल चोकसी के साथ पंजाब नेशनल बैंक में हुए 12,600 करोड़ रुपये के घोटाले का मुख्य आरोपी है और सोमवार की रात घोटाले की रकम में और 1,300 करोड़ रुपये का पता चला है। पहले मोदी और चोकसी द्वारा किए गए घोटाले की रकम 11,300 करोड़ रुपये थी, जबकि अब कुल 12,600 करोड़ रुपये के घोटाले का खुलासा हुआ है। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) इस मामले की जांच कर रही है।
मोदी के 47वें जन्मदिन से एक दिन पहले ही घोटाले की नई रकम का खुलासा हुआ है तथा उसकी कंपनी ने अमेरिकी अदालत में दिवालियापन की अर्जी दाखिल की है।