नई दिल्ली: पंजाब नेशनल बैंक में सबसे बड़े घोटाले में एक और बड़ा खुलासा हुआ है। नए खुलासे के मुताबिक नीरव मोदी का ये पूरा घोटाला चौदह हजार चार सौ करोड़ का है। पहली बार जब घोटाले का पर्दाफाश हुआ था तो कहा गया था कि पूरा घोटाला करीब ग्यारह हजार चार सौ करोड़ का है लेकिन ईडी सूत्रों के मुताबिक इस मामले में 3000 करोड़ के घोटाले का नया इनपुट सामने आया है। बताया जा रहा है कि पीएनबी के अलावा सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, देना बैंक, विजया बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, सेंट्रल बैंक ऑफ कॉमर्स, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, इलाहाबाद बैंक और IDBI बैंक से भी करीब उन्नीस सौ अस्सी करोड़ का घोटाला हुआ है।
नीरव मोदी के ठिकानों पर छापे
देशभर के 8 शहरों में नीरव मोदी के 20 ठिकानों पर ईडी ने छापे की। दिल्ली, मुंबई, जयपुर, ठाणे, सूरत समेत आठ शहरों में ईडी की रेड। नीरव मोदी की सूरत की फैक्ट्री में रात भर ईडी की छापेमारी चली जहां से ईडी ने 800 करोड़ रुपए की डायमंड ज्वेलरी जब्त की। ठाणे की ज्वेलरी शोरूम को छानबीन के बाद ईडी ने सील कर दिया। मुंबई के कालाघोड़ा इलाके के शोरूम में भी रात भर छापेमारी चली और यहां से जब्त की गई ज्वेलरी की वीडियो रिकॉर्डिंग हुई। नीरव मोदी का पासपोर्ट भी रद्द करने की प्रक्रिया की जा रही है। (पंजाब नैशनल बैंक से 11 हजार 400 करोड़ उड़ाने वाले डायमंड किंग नीरव मोदी पर नया खुलासा)
6400 करोड की रकम हुआ अटैच
इस खुलासे के बाद ईडी की अलग-अलग टीमों ने नीरव मोदी के घर से लेकर उसके ज्यूलरी शोरूम और बाकी ठिकानों पर छापेमारी की कार्रवाई शुरू कर दी। एक-दो नहीं करीब डेढ़ दर्जन ठिकानों पर ईडी की टीम की छापेमारी में अबतक करीब 5100 करोड़़ के हीरे-जवाहरात और करीब 1300 करोड़ की संपत्ति को जब्त किया गया है। यानी 6400 करोड की रकम ईडी ने अटैच कर ली।
कैसे किया गया घोटाला?
पीएनबी घोटाले को नीरव मोदी और मेहुल चौकसी ने पीएनबी के अफसरों की मिलीभगत से अंजाम दिया। बैंक के ब्रैंडी हाउस ब्रांच में 14 हजार करोड़ से ज्यादा का घोटाला हुआ। बैंक के कुछ अफसरों ने दोनों की कंपनियों को बिना गिरवी रखे LOU दी। LOU पर नीरव मोदी, मेहुल चौकसी ने दूसरे बैंकों से विदेश में कर्ज ले लिया। यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, इलाहाबाद बैंक, एक्सिस बैंक से कर्ज ले लिया। साल 2011 से 10 हजार करोड़ से ज्यादा के ट्रांजेक्शन के रिकार्ड भी नहीं हैं और रकम को बाहर भेजने के लिए बैंक अफसरों ने 'स्विफ्ट' का इस्तेमाल किया। जनवरी में LOU की अवधि खत्म होने पर बैंकों को कर्ज की रकम नहीं मिली तो बैंकों ने पीएनबी से संपर्क किया तब जांच में LOU में फर्जीवाड़े का पता चला।