नई दिल्ली: 11,400 करोड़ के फरार घोटालेबाज नीरव मोदी ने कितने शातिराना अंदाज में हजारों करोड़ का घोटाला किया इसकी पूरी जानकारी एफआईआर की कॉपी से मिली है। FIR को पढ़ने के बाद पता चला कि घोटाले की रकम का ट्रांसफर रूट चौंकाने वाला है। एक पासवर्ड के जरिए नीरव मोदी जब चाहता था।अपनी मर्जी के हिसाब से फर्जी कंपनियों ने नाम एलओयू (LoU) जारी कर लेता था। नीरव मोदी के पासवर्ड का पूरा खेल क्या है ये समझना बहुत जरूरी है। आज नीरव मोदी के इस पासवर्ड से जुड़ा हर सबूत आपके सामने होगा... उन लोगों की गवाही भी आप सुनेंगे... जिन्होंने नीरव मोदी पर बहुत बड़ा खुलासा किया है।
पर सबसे बड़ी खबर आई... मुंबई में जारी छापेमारी और नई गिरफ्तारी से बड़ी खबर आने की उम्मीद थी लेकिन खबर निकलकर आई दिल्ली के CBI हेडक्वार्टर से।इंडिया टीवी को नीरव मोदी के खिलाफ पीएनबी बैंक की तरफ से लिखाई गई एफआईआर की कॉपी मिली।FIR को पढ़ने के बाद पहली बार पता चला कि नीरव मोदी ने कितने शातिराना अंदाज में हजारों करोड़ का घोटाला किया।पता चला कि घोटाले की रकम का ट्रांसफर रूट चौंकाने वाला है।पता चला कि एक पासवर्ड के जरिए नीरव मोदी जब चाहता था।अपनी मर्जी के हिसाब से फर्जी कंपनियों ने नाम एलओयू जारी कर लेता था। नीरव मोदी के पासवर्ड का पूरा खेल क्या है.ये समझना बहुत जरूरी है... आज नीरव मोदी के इस पासवर्ड से जुड़ा हर सबूत आपके सामने होगा... उन लोगों की गवाही भी आप सुनेंगे... जिन्होंने नीरव मोदी पर बहुत बड़ा खुलासा किया है।
नीरव मोदी ने घोटाले के लिए उस पासवर्ड का इस्तेमाल किया जिससे PNB बैंक लुटता रहा...और किसी को कानों कान खबर तक नहीं हुई।नीरव मोदी ने जब चाहा, जैसे चाहा पीएनबी की गांरटी पर लाखों डॉलर अपने खाते में जमा करा लिया। यह नीरव मोदी का सिंडिकेट ही था कि लेटर ऑफ अंडरस्टैडिंग खुद ही जारी करता था। पीएनबी के अफसरों के आंखों पर ऐसी पट्टी बांधी जिसके बाद पासबुक से लेकर पासवर्ड तक सब कुछ नीरव मोदी के हाथ में पहुंच गया। यानी बैंक का खजाना दोनों हाथों से लूटने के लिए लुटेरे को बैंक कर्मचारियों ने खुली छूट दे रखी थी।
घोटाले की डायरी
3 दिन में 8 लैटर ऑफ अंटरटेकिंगनऔर बैंकों की सैकड़ों करोड़ की रकम के वारे-न्यारे कर दिए। यही है नीरव मोदी की धोखाधड़ी का सबसे बड़ा सबूत जोकि पहली बार सामने आया है। नीरव मोदी की जालसाजी की बैंक डायरी से यह खुलासा हुआ है कि महज़ 6 दिन में कैसे नीरव मोदी ने अरबो के वारे न्यारे कर दिये। इस डायरी में पहली तारीख है 9 फऱवरी 2017 इस दिन नीरव मोदी की कंपनी को 28 करोड़ 50 लाख 73 हज़ार 722 रुपये भेजे गए, ये रकम इलाहाबद बैंक की हॉंगकॉंग बैंक की ब्राचं से निकाली गई। दूसरी बड़ी रकम भी उसी दिन निकाली गई यानी 9 फरवरी 2017 इस बार इसी इलाहाबाद बैंक की हॉंगकॉंग ब्रांच से 27 करोड़ 98 लाख 78 हज़ार 591 रुपए की रकम इधर से उधर की गई। इसके ठीक अगले दिन यानि 10 फरवरी 2017 को फिर एक बड़ी रकम का लेन देन हुआ इस बार 38 करोड़ 36 लाख 3 हज़ार 466 रुपए नीरव मोदी की कंपनी के खाते में आए। बैंक वही था इलाहाबद बैंक की हॉंगकॉंग ब्रांच...10 फऱवरी 2017 को ही दूसरा लेनदेन हुआ। इस बार 37 करोड़ 72 लाख 21 हज़ार 557 रुपए नीरव मोदी की कंपनी ने निकाले।10 फऱवरी को ही तीसरी बार फिर रकम आई...इस बार ये रकम बढ़ गई थी। तीसरे लेनदेन में 39 करोड़ 33 लाख 71 हज़ार 271 रुपए की रकम पहुंची। अगला लेन देन तीन दिन के बाद 14 फरवरी 2017 को हुआ। 14 फरवरी को पहले लेनदेन में 37 करोड़ 81 लाख 7 हज़ार 488 रुपए नीरव मोदी की कंपनी को दिए गये। इस बार जगह तो हॉंगकॉग ही थी लेकिन बैंक बदल गया। इस बार एक्सिस बैंक के खाते का इस्तेमाल हुआ।14 फरवरी को ही एक्सिस बैंक में किये गए दूसरे ट्रांजेक्शन में 37 करोड़ 84 लाख 53 हज़ार 905 रुपये की रकम नीरव मोदी के पास आई।14 फऱवरी को तीसरे ट्रांजेक्शन में एक्सिस बैंक की हॉंगकॉंग ब्रांच में 37 करोड़ 94 लाख 10 हज़ार 200 रुपए नीरव मोदी की कंपनी के खाते में आए। नीरव मोदी की ये पास बुक बता रही है कि केवल तीन तारीखों पर ही इतनी बड़ी रकम का लेन देन हो गया...इन तीन दिनों में ही 285 करोड़ 54 लाख 49 हज़ार रुपए..नीरव मोदी के खाते में आ गये। ये तो केवल चार दिन की पासबुक है...घोटाला तो 2011 से चल रहा था।