नयी दिल्ली: पंजाब नेशनल बैंक (PNB) ने 11,400 करोड़ रुपये के घोटाले में आठ और अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। इनमें एक अधिकारी महाप्रबंधक स्तर का है। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि इस घोटाले में शामिल होने के संदेह में इन अधिकारियों को निलंबित किया गया है। अधिकारी ने कहा कि पीएनबी अन्य बैंकों को इस मामले में उनके बकाये का भुगतान 31 मार्च तक करेगा। इसका वित्तपोषण आंतरिक संसाधनों से किया जाएगा। बुधवार को यह घोटाला सामने आने के बाद बैंक ने 10 कर्मचारियों को निलंबित किया था। पीएनबी अबतक कुल 18 कर्मचारियों को निलंबित कर चुका है। वहीं सरकार ने शुक्रवार को नीरव मोदी व मेहुल चिनूभाई चोकसी के पासपोर्ट चार हफ्तों के लिए निलंबित कर दिया है।
इस घोटाले में हीरे के आभूषण डिजाइनर नीरव मोदी ने पीएनबी की मुंबई शाखा से फर्जी साख पत्र हासिल किए और अन्य भारतीय बैंकों की विदेशी शाखाओं से कर्ज हासिल किया। इस मामले की जांच सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय सहित अन्य एजेंसियों द्वारा जांच की जा रही है। अधिकारी ने कहा कि इस मामले में संदिग्ध भूमिका के लिए एक महाप्रबंधक सहित आठ अन्य अधिकारियों को निलंबित किया गया है। इस तरह कुल निलंबित अधिकारियों की संख्या 18 हो गई है। अधिकारी ने कहा कि अब यह जांच की जा रही है कि साख पत्र या एलओयू के आधार पर कितना कर्ज दिया गया। बैंक जांच रिपोर्ट के आधार पर अपनी देनदारियों को पूरा करेगा। जनवरी में सरकार ने पीएनबी में चालू वित्त वर्ष में 5,473 करोड़ रुपये डालने की घोषणा की थी।
नीरव मोदी, मेहुल चोकसी के पासपोर्ट निलंबित
पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में 1.8 अरब डॉलर की धोखाधड़ी के सामने आने के दो दिनों बाद सरकार ने शुक्रवार को नीरव मोदी व मेहुल चिनूभाई चोकसी के पासपोर्ट चार हफ्तों के लिए निलंबित कर दिए। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "प्रवर्तन निदेशालय की सलाह पर विदेश मंत्रालय के पासपोर्ट जारी करने वाले प्राधिकरण ने आज नीरव मोदी व मेहुल चिनूभाई चोकसी के पासपोर्ट की वैधता तत्काल प्रभाव से चार हफ्तों के लिए यू/ए पासपोर्ट अधिनियम 1967 के 10 (ए) के तहत निलंबित कर दिया है।"
बयान में कहा गया है, "नीरव मोदी व मेहुल चिनूभाई चोकसी को एक सप्ताह के भीतर जवाब देने को कहा गया है कि पासपोर्ट अधिनियम 1967 की धारा 10 (3) (सी) के तहत उनका पासपोर्ट क्यों न रद्द कर दिया जाए। यदि वे निर्धारित समय के भीतर जवाब देने में असफल हो जाते हैं तो यह माना जाएगा कि उनके पास प्रस्ताव का कोई जवाब नहीं है और विदेश मंत्रालय आगे की कार्रवाई करेगा।"