नई दिल्ली: देशभर में अब तक हुए आतंकवादी हमलों के पीड़ितों को आरक्षण व्यवस्था के दायरे में लाने की मांग पर प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने संज्ञान लिया है। PMO ने गृह मंत्रालय को भेजे इस आशय के मांग पत्र पर विचार करते हुए उचित करवाई करने को कहा। सामाजिक संगठन ‘साउथ एशियन फोरम फॉर पीपुल अगेंस्ट टेरर’ द्वारा पिछले महीने PMO से आतंकी हमलों के मृतकों के आश्रितों और अन्य पीड़ितों को सरकारी नौकरियों में आरक्षण देने की मांग की गई थी।
दिल्ली में आतंकी हमलों के पीड़ित पक्षकारों द्वारा गठित इस फोरम ने पिछले महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पीड़ित परिवारों के सुरक्षित भविष्य के हवाले से नौकरियों में आरक्षण देने की मांग की थी। फोरम के प्रमुख और साल 2005 के दिल्ली सीरियल ब्लास्ट हादसे में सरोजनी नगर बम धमाके में बाल-बाल बचे अशोक रंधावा ने बताया कि आतंकी हमलों के पीड़ितों को दिव्यांगजनों की तर्ज़ पर आरक्षण देने की मांग पर PMO ने सकारात्मक रुख दिखाया है। इसके लिए सरकार को सिर्फ संविधान संशोधन करना पड़ेगा।
गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने PMO के सेक्शन अधिकारी समीर कुमार द्वारा गत 30 जून को भेजे निर्देश की पुष्टि करते हुए बताया कि इस मांग के कानूनी एवं अन्य पहलुओं पर विचार किया जा रहा है। PMO ने मंत्रालय से इस मांग पर शीघ्र उचित कार्रवाई कर इससे याचिकाकर्ता को अवगत करने और फैसले को सरकार के वेब पोर्टल पर भी सार्वजनिक करने को कहा है।