लखनऊ: प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) और राष्ट्रपति सचिवालय द्वारा लखनऊ स्थित सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. नूतन ठाकुर को आरटीआई में दी गई सूचना के अनुसार, पीएमओ व राष्ट्रपति भवन स्थित राष्ट्रपति सचिवालय भी कामकाजी महिलाओं के लिए पूरी तरह सुरक्षित नहीं हैं।
नूतन ने कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न निवारण अधिनियम 2013 के पारित होने के बाद इसके अंतर्गत दी गई शिकायतों तथा उनके परिणाम के बारे में सूचना मांगी थी।
राष्ट्रपति सचिवालय के उपसचिव जे.जी. सुब्रमणियन के अनुसार, राष्ट्रपति सचिवालय में कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न की अब तक 2 शिकायतें मिली हैं, जिनमें से एक शिकायत गलत पाई गई, जबकि दूसरी शिकायत सही पाई गई और आरोपित कर्मी दोषी पाया गया।
पीएमओ के अनुसचिव प्रवीण कुमार के अनुसार, पीएमओ में मात्र एक शिकायत मिली, जिसकी जांच की गई और उचित कार्रवाई की गई। नूतन ने बताया कि अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार, इन शिकायतों से जुड़ी अन्य सूचनाएं प्रदान नहीं की गईं।