नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 17 से 18 अगस्त तक भूटान के दो दिवसीय दौरे पर जा रहे हैं जहां वह शीर्ष नेतृत्व के साथ पनबिजली क्षेत्र सहित द्विपक्षीय संबंधों एवं आपसी हितों से जुड़े विविध विषयों पर व्यापक चर्चा करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी अपनी यात्रा के दौरान 17 अगस्त को वहां पहुंचेंगे और भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक और भूटान के चौथे नरेश जिग्मे सिग्ये वांगचुक से भेंट करेंगे। इसी दिन प्रधानमंत्री मोदी अपने भूटानी समकक्ष डॉ.लोटे शेरिंग के साथ बैठक करेंगे।
विदेश सचिव विजय गोखले ने संवाददाताओं से कहा कि इस यात्रा के दौरान मांगधेचू पनबिजली परियोजना का उद्घाटन होगा। गोखले ने कहा कि हमारे द्विपक्षीय संबंधों का मुख्य बिन्दु भारत की ओर से विकास सहयोग है। भारत ने दिसंबर में 5,000 करोड़ रुपये की विकास सहायता की प्रतिबद्धता व्यक्त की थी और इसका पहला हिस्सा जारी किया गया है। प्रधानमंत्री का रायल यूनिवर्सिटी आफ भूटान को संबोधित करने का भी कार्यक्रम है। मंत्रालय के अनुसार, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भूटान के प्रधानमंत्री डॉ.लोटे शेरिंग के आमंत्रण पर वहां जा रहे हैं।’’
विदेश मंत्रालय ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा दर्शाती है कि भारत सरकार अपने भरोसेमंद मित्र भूटान के साथ संबंधों को कितना महत्व देती है। मंत्रालय ने अपने बयान में कहा, ‘‘अपने दूसरे कार्यकाल की शुरुआत में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की भूटान यात्रा भारत सरकार द्वारा ‘पड़ोस प्रथम’ नीति पर जोर दिए जाने के महत्व को दर्शाती है ।’’
भारत और भूटान समय की कसौटी पर खरे उतरे और विशेष संबंधों को साझा करते हैं और दोनों देश साझी सांस्कृतिक धरोहर, लोगों के बीच सम्पर्क के साथ आपसी समझ और सम्मान का भाव रखते हैं। मंत्रालय ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा के दौरान दोनों देश द्विपक्षीय संबंधों सहित आपसी हितों से जुड़े विविध विषयों पर व्यापक चर्चा करेंगे और अपने पहले से मजबूत संबंधों को और अधिक प्रगाढ़ बनाने पर जोर देंगे। दोनों देश आर्थिक और विकास सहयोग सहित द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत बनाने पर चर्चा करेंगे। इसमें पनबिजली क्षेत्र में सहयोग सहित दोनों देशों के लोगों के बीच सम्पर्क को बढ़ाने का विषय भी शामिल हो सकता है।