नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल बिहार के मोतिहारी शहर में 1111.56 करोड़ रुपये की चार सीवेज परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे जिनका उद्देश्य पटना के लिए छह करोड़ लीटर प्रतिदिन की सीवेज शोधन क्षमता पैदा करना है। मोदी बिहार के ‘‘चंपारण सत्याग्रह’’ के सौ साल पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित समारोह के समापन के मौके पर एक कार्यक्रम में भाग लेंगे।
एक आधिकारिक बयान में यहां कहा गया कि पटना में परियोजनाओं में सैदपुर और पहाड़ी सीवेज जोन में 376.12 किलोमीटर सीवर नेटवर्क बिछाना शामिल है। पटना के करमालीचाक, दीघा और कंकड़बाग सीवेज जोन में तीन और परियोजनाएं जल्द ही शुरू होंगी जिसमें 15 करोड़ लीटर प्रतिदिन की क्षमता वाली सीवेज शोधन संयंत्र (एसटीपी) बनाया जाएगा और 534 . 54 किलोमीटर सीवर नेटवर्क बिछाया जाएगा।
पटना में 3237.69 करोड़ रुपये की लागत की 11 परियोजनाएं कुल 350 एमएलडी की सीवेज शोधन क्षमता पैदा करेंगी और 1140.26 किलोमीटर सीवेज लाइन बिछाएंगी। वर्ष 2035 तक शहर का संभावित सीवेज भार 320 एमएलडी होगा। बयान में कहा गया, ‘‘इन परियोजनाओं के पूरे होने के बाद पटना से कोई सीवेज जल गंगा में नहीं बहेगा। ये परियोजनाएं सुनिश्चित करेंगी कि किसी भी तरह से अशोधित जल पटना में गंगा में नहीं गिरे और सीवर लाइनें शहर के हर घर तक पहुंचें।’’
बयान के अनुसार, इसके अलावा, 5042.11 करोड़ रुपये की 29 परियोजनाएं केन्द्र के नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत बिहार में चल रही हैं। मोदी ‘‘चंपारण सत्याग्रह’’ के शताब्दी वर्ष समारेाह के समापन के मौके पर एक कार्यक्रम में भी भाग लेंगे और 20 हजार स्वच्छाग्रहियों को संबोधित करेंगे।