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एक प्रधानमंत्री जिसने अमेरिका को झुका दिया, जानें मोदी के दोस्त इजराइली PM की कहानी

बहुत कम लोग ही इजराइली प्रधानमंत्री नेतन्याहू के उस अतीत को जानते है जिसके हर पन्ने में जाबांजी की कहानी दर्ज है...

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated : January 15, 2018 16:44 IST
benjamin netanyahu
benjamin netanyahu

नई दिल्ली: इज़रायल से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दोस्त 6 दिनों के लिए भारत आए हैं। आज हम आपको मोदी के इस दोस्त बेंजामिन नेतन्याहू की दमदार कहानी बताएंगे। वो प्रधानमंत्री जिसका नाम सुनकर दुनियाभर के दहशतगर्दों की सांसे अटक जाती है। कहानी उस प्रधानमंत्री की जो एक जमाने में एलीट कमांडो हुआ करता था, जिसे देखने भर से दुश्मनों के पसीने छूट जाते थे, हर कोई इस कंमाडो मिस्टर प्राइम मिनिस्टर से खौफ खाता है। आइए बताते है आपको पीएम मोदी के दिलेर दोस्त की हैरतअंगेज कहानी।

मोदी के दिलेर दोस्त की दमदार दास्तान

इजरायल की तरफ आंख उठाने से पहले दुश्मन एक बार नहीं हजार बार सोचता है। क्या आतंकी संगठन और क्या पडोसी मुल्क...वजह है इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू। जिस दिन से बेंजामिन ने सत्ता संभाली है उसी दिन से इजराइल के दुश्मनों के खात्मे के उलटी गिनती शुरू हो गई थी। बहुत कम लोग ही इजराइली प्रधानमंत्री नेतन्याहू के उस अतीत को जानते है जिसके हर पन्ने में जाबांजी की कहानी दर्ज है। दरअसल आतंकवाद के खिलाफ बेंजामिन नेतन्याहू ने सिर्फ अपने कमांडो भाई को नहीं खोया वो खुद इजराइल आर्मी में एलीट कमांडो रहे हैं। कई खतरनाक ऑपरेशन को लीड कर चुके है तो इजिप्ट और सीरिया के खिलाफ जंग-ए-मैदान में शामिल रहे।

तेल अवीव शहर में 67 साल पहले बेंजामिन नेतन्याहू का एक मिडिल क्लास फैमली में जन्म हुआ था। पिता पेश से प्रोफेसर थे लेकिन किसे पता था कि मजबूर में देश को छोडने वाले बेंजामिन एक दिन अपने मुल्क को इतना ताकतवर बना देगा कि दुनिया उसका लोहा मानेगी।

benjamin netanyahu

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कमांडो से PM बने बेंजामिन ने अपने मुल्क को कैसे बदला?

1996 में अपनी जबरदस्त लोकप्रियता के चलते नेतन्याहू सबसे कम उम्र में देश की प्रधानमंत्री की कुसी तक पहुंचने में सफल रहे। साल 1996 से लेकर 1999 तक बेंजामिन नेतन्याहू इजराइल के पीएम रहे चुके थे लेकिन अमेरिकी प्रेसिडेंट बिल क्लिंटन का फिलिस्तीन और इजराइल के बीच हुए शांति समझौते को बरकरार रखने का दबाव इतना था कि वो कुछ नहीं कर सके। यही वजह थी कि इजराइल आतंकी की चोट से कराह उठा और साल 2009 में बेंजामिन की सत्ता में वापसी हुई। इजराइली जनता अपने प्रधानमंत्री से यही चाहती थी कि दुश्मनों से मुल्क की हिफाजत करें। सत्ता संभालते ही बेंजामिन नेतन्याहू ने आतंक पर सबसे बड़ी हथोड़ा चलाना शुरू कर दिया यानी जो इजराइल चाहता था। इस बार बेंजामिन ने आतंक के खिलाफ अपने अनुभव का बखूबी इस्तेमाल किया।

-दुश्मन मुल्कों के सटी सीमा को हाईटेक किया गया

-आतंकी घुसपैठ को रोकने के लिए नई रणनीति बनाई

-गाजा और वेस्ट बैंक की नाकेबंदी का फैसला किया

-आतंकियों के ठिकानों पर एयर स्ट्राइक से प्रहार किया

-2014 में बड़े ऑपरेशन में हजार आतंकियों को मारा

देखिए वीडियो-

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